बिल्क़ीस बानो को मुआवज़ाः पाॅपुलर फ्रंट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है जिसमें कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिल्क़ीस बानो को 50 लाख का मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने का आदेश दिया है।

पाॅपुलर फ्रंट के चेयरमैन ई. अबूबकर ने कहा कि कोर्ट का फैसला 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगों के भयानक दिनों में गुजरात की सरकार चलाने वाली बीजेपी नेतृत्व के बदसूरत चहरे पर ज़बरदस्त तामंचा है।

कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिल्कीस बानो को सरकारी नौकरी देने का आदेश दिया है क्योंकि 21 वर्ष की उम्र में गर्भवति बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई थी और उसके 3 वर्षीय बच्चे सहित उसके परिवार के सदस्यों की बड़ी बेदर्दी से हत्या कर दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह देखते हुए कि 2002 से लेकर अब तक वह एक ख़ानाबदोश की तरह जगह-जगह भटकती रही है, सरकार को उसे उसके मनपसंद क्षेत्र में आवास भी देने के लिए कहा है। कोर्ट ने गुजरात सरकार की इस बात को भी रद्द कर दिया कि उसने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करने और पीड़ित महिला को 5 लाख रूपये देने के साथ-साथ सभी मुनासिब क़दम उठाए हैं।

सत्ता के दुरूपयोग और भेदभाव बरतने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के साफ इशारे को देखते हुए, दंगों के समय में गुजरात की बाग-डोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी, अमित शाह व अन्य नेताओं को कम से कम अब कुछ शर्म करनी चाहिए और जनता से माफी मांगनी चाहिए।

ई. अबूबकर ने यह आशा जताई कि आरएसएस-बीजेपी राजनीति का असल चहरा बेनक़ाब होने के बाद मौजूदा लोकसभा चुनाव के संदर्भ में लोग इस फैसले से सबक़ लेंगे।