पटना से सवारी गाड़ी से जा रही ग्रेजुएशन की एक तालेबा को कुछ बदमाशों ने बिहटा स्टेशन के नजदीक चलती ट्रेन से फेंक दिया। तालेबा संगीन तौर से जख्मी है। उसे इब्तेदाई इलाज़ के लिए पहले बिहटा के रेफरल अस्पताल में भरती कराया गया। लेकिन, हालात को देखते हुए डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया।
ताज्जुब की बात यह है कि जीआरपी को देर रात तक इस वाकिया की जानकारी नहीं थी। तालेबा का नाम आलिसा है और वह पटना के बेऊर इलाके की रहने वाली है।
वाकिया जुमेरात के दोपहर की है। बिहटा स्टेशन से 511 अप सवारी गाड़ी खुली और आरा की तरफ बढ़ी। लोगों ने तालेबा को प्लेटफॉर्म पर गिरते हुए देखा। वहां मौजूद पटना के रहने वाले राजेश कुमार व पालीगंज के रहने वाले सिंधु कुमार ने फौरन पहल की और तालेबा को आनन-फानन में उठा कर मुक़ामी रेफरल अस्पताल में भरती कराया। यहां डॉक्टरों ने इलाज़ के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया।
रेफरल अस्पताल में आलिसा को थोड़ी देर के लिए होश आया, तो उसने सिर्फ इतना बताया कि वह पटना से 511 अप सवारी गाड़ी में सवार होकर जा रही थी कि बिहटा स्टेशन से ट्रेन के खुलते ही कुछ लड़कों ने धक्का देकर नीचे गिरा दिया। आईनी शाहेदीन राजेश व सिंधु ने बात करने पर बताया कि हमलोगों ने लड़की को चलती ट्रेन से सिर्फ गिरते हुए देखा है वाकिया कैसे हुई पता नहीं चल पाया। बिहटा रेफरल अस्पताल में तालेबा का एक जान पहचान का भी पहुंचा। यहां से उसे एंबुलेंस से पीएमसीएच के लिए भेजा गया, लेकिन एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि शाम पांच बजे उसे पारस अस्पताल में छोड़ दिया गया। पारस अस्पताल की तरफ से बताया गया कि ऐसे किसी मरीज को भरती नहीं कराया गया है। इमकान जतायी जा रही है कि उस जख्मी तालेबा को पटना के किसी प्राइवेट नर्सिग होम में भरती कराया गया है।