बिहारी अवाम ज़ात पात का निज़ाम फ़रामोश करदें

नई दिल्ली

बिहार असेम्बली इंतेख़ाबात से क़बल राय दहनदों तक रसाई की कोशिश के तौर पर वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने आज रियासत के अवाम से कहा कि वो ज़ात पात के क़ौल से बाहर आए और बेहतरी केलिए काम करे। मारूफ़ शायर राम धारी सिंह दनकार की गोल्डन जुबली तक़ारीब का इफ़्तेताह करते हुए वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि वो बिहार की तरक़्क़ी और ख़ुशहाली के अपने वीज़न को आगे बढ़ाईंगे क्योंकि इस के बगै़र हिन्दुस्तान की तरक़्क़ी नामुकम्मल है।

ये वाज़िह करते हुए कि मग़रिबी हिन्दुस्तान ख़ुशहाल है मशरिक़ी हिन्दुस्तान दानिशमंद है मोदी ने कहा कि ये दोनों इलाक़े मुल्क की तरक़्क़ी में मुसावी हिस्सा रख सकते हैं। 1961 में दनकार की जानिब से तहरीर करदा मकतूब का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि बिहार को समाजी तरक़्क़ी उसी वक़्त मिल सकती है जब ज़ात पात के निज़ाम को फ़रामोश कर दिया जाये और बेहतरी को फ़रोग़ दिया जाये।

उन्होंने कहा कि एक या दो ज़ातों की ताईद से हुकूमत नहीं की जा सकती। अगर आप ज़ात पात की सियासत से बाला-ए-तर ना होजाएं तो बिहार की समाजी तरक़्क़ी मुतास्सिर होगी। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि मग़रिबी बंगाल बिहार और मशरिक़ी उत्तरप्रदेश जैसे मुक़ामात की तरक़्क़ी मुल्क की बहैसीयत मजमूई तरक़्क़ी केलिए ज़रूरी है।