बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब के मद्देनजर बीजेपी की तरफ से कराए गए एक इंटरनल सर्वे में जनता परिवार से कड़ी टक्कर मिलने की बात सामने आने के बाद पार्टी की नींद टूटी है। जातिगत फोर्मूले की बुनियाद पर बीजेपी से ज़्यादा मजबूत दिख रहे जनता परिवार से निपटने के लिए अब सदर अमित शाह की टीम ग्राउंड जीरो पर काम कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनल सर्वे में बीजेपी को 127 सीटें मिलने की बात कही गई है। हालांकि, एनडीए की साथी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) अदाद व शुमार से फिक्रमंद है। पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर यह मामला अपने हाथ में लेने को कहा है। पार्टी को लगता है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी पहले से ही यह इंतिख़ाब हार चुकी है। पार्टी के एक सीनियर लीडर ने कहा, ”बीजेपी का कोई फिक्स्ड वोटर नहीं है। पार्टी के पास ओबीसी और मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए कोई ताक़तवर चेहरा भी नहीं है।” वहीं, बीजेपी को उम्मीद है कि रियासत में लालू और नीतीश के इत्तिहाद के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी (इक्तिदार मुखालिफत) लहर का फायदा मिलेगा।
बीजेपी अब हर 15 दिन पर सर्वे कराएगी। बीजेपी ज़राये ने बताया कि हर एसेम्बली का अलग-अलग सर्वे करने और जरूरी अदादो शुमार जुटाने के लिए चार या पांच प्रोफेशनल्स की टीम बनाई गई है। यह टीम सीधे बीजेपी आलाकमान को रिपोर्ट करेगी। टीम अपने अदाद व शुमार रियासत यूनिट से साझा नहीं करेगी। इसके अलावा, बिहार के बाहर की एक गैर सियासी प्रोफेशनल्स की टीम भी हर एसेम्बली का सर्वे कर रही है। इस टीम को सर्वे करने के लिए 100 लोग मिले हैं। यह टीम पार्टी के लिए बेहतर कैंडिडेट की शिनाख्त करने का भी काम करेगी। इसके अलावा, बाकायदा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए हर जानकारी अमित शाह के सामने रखेगी। बीजेपी की टेंशन इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस टीम के रिजल्ट बहुत सारे मामलों में रियासत यूनिट से उलट है।