नई दिल्ली: बिहार इंतेख़ाबात के लिए बी जे पी ज़ेरे क़ियादत एन डी ए की जानिब से नशिस्तों में हलीफ़ पार्टीयों के हिस्से के अदम ताय्युन की बिना पर हलीफ़ पार्टीयां मजबूर हो गई हैं कि भगवा पार्टी पर नशिस्तों की तक़सीम को जल्द अज़ जल्द क़तईयत देने के लिए दबाव डालें, क्योंकि मज़ीद ताख़ीर उनके इंतेख़ाबी इमकानात मुतास्सिर कर सकती है।
एल जे पी के नायब सदर चिराग़ पासवान सदर बी जे पी अमित शाह पर नशिस्तों की तक़सीम का आजलाना ताय्युन के लिए दबाव डालते हुए कह चुके हैं चीफ़ मिनिस्टर बिहार नीतीश कुमार ज़ेरे क़ियादत जेडीयू और लालू प्रसाद ज़ेरे क़ियादत आर जे डी पहले ही ऐसा कर चुकी हैं।
अमित शाह ने सदर एल जे पी राम विलास पासवान और सदर आर एल एफ़ पी मर्कज़ी वज़ीर ओपिंदर कुशवाहा से जून में बिहार इंतेख़ाबात और तरक़्क़ी के फ़ुक़दान के सिलसिले में मुलाक़ात कर चुके हैं, जो दोनों छोटी पार्टीयों की ख़ामोशी की वजह से हुई है। आर एल एस पी के सदर कुशवाहा ने कहा कि जितनी जल्द नशिस्तों की तक़सीम के इंतेज़ामात को क़तईयत दी जाये, उतनी ही बेहतर होगी। दरहक़ीक़त मज़ीद ताख़ीर से उनके इंतेख़ाबी इमकानात मुतास्सिर हो सकते हैं।