बिहार का बजट पेश, अल्पसंख्यकों पर खास ध्यान दिया गया

पटना। बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज महागठबंधन सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। पहली बार डेढ़ लाख करोड़ से अधिक (1 लाख 60 हजार करोड़) पूंजीगत व्यय का अनुमान है। वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी का भाषण सिर्फ 22 मिनट में खत्म हो गया। बजट में पिछड़ों के कल्याण और कैशलेश टैक्स कलेक्शन पर जोर दिया गया है।

वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में इस वर्ष का बजट पेश करते हुए कहा कि नोटबंदी का बिहार पर कोई असर नहीं पड़ने देंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर खास फोकस किया गया है।

बुनकरों की स्थिति बेहतर करने की जरूरत है इसके लिए उनके कौशल विकास पर खासा ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था बहते पानी की तरह होता है, हमेशा बदलता रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में बैंकों की संख्या बढ़ाई जाएगी. खाताधारियों को प्लास्टिक मनी देने पर जोर दिया जाएगा। नये वित्तीय वर्ष में सुधार पर जोर रहेगा। नोटबंदी के बाद के झंझावातों से उबरने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नोटबंदी का बिहार पर असर नहीं पड़ेगा। अभियान चलाकर पीओएस मशीनें लगाई जाएगी और कर की चोरी रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बजट में वित्त मंत्री बुनकरों के लिए बड़ा एलान किया है। बजट मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम पर केंद्रित रहा। वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी कुल 1.66 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसे पहले ही मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिल चुकी थी।

नये बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क और कृषि समेत सात निश्चय कार्यक्रम के तहत होने वाले कार्यों को प्राथमिकता दी गयी है। प्राथमिकता के आधार पर सात निश्चय की योजनाओं को राशि आवंटित की गयी है।