बिहार का बॉस नीतीश कुमार हैं, बीजेपी नहीं- JDU

देश में आम चुनावों की दस्तक साफ तौर पर देश की राजनीतिक पार्टियों में देखी जा सकती है। एक तरफ जहाँ एक विचारधारा की विपक्षी पार्टियों ने मिलकर महागठबंधन की घोषणा कर दी वहीं एनडीए ने भी आगामी चुनावों लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी है। अब एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार में पेंच फंसता जा रहा है।

एक तरफ जहाँ एनडीए समर्थित पार्टी जेडीयू अपने लिए ज्यादा सीटों की मांग कर रही है वहीं बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर बिहार में अपना हक मांग रही है।

बता दें, हाल ही में आये बिहार के जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव के परिणामों में एनडीए के उम्मीदवार को आरजेडी की तरफ से हार का सामना करना जिसके बाद यहाँ पर सीटों की तनातनी शुरू हो गई है।

जेडीयू का कहना है कि बिहार में एनडीए का मुख्य चेहरा नीतीश कुमार है इस हिसाब से उन्हें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए, वहीं बीजेपी अपने 2014 के चुनावों का जिक्र करते हुए लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को आगे कर रही है।

इस बारे में सबसे अहम सवाल जो पैदा हो रहा है वो यह है कि इन चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर आधार किसे बनाया जाएगा?

जेडीयू के 2014 के ख़राब प्रदर्शन को या फिर 2019 में जेडीयू और बीजेपी ने साथ में चुनाव लड़ा था उसके परिणामों को, या फिर 2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनावों को, जिसमें जेडीयू ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और आरजेडी के साथ गठबंधन कर लिया था। अब देखने वाली बात यह होगी कि एनडीए समर्थित इन पार्टियों में सुलह किस नतीजे पर पहुंचकर होती है।