बिहार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी शराब पर बैन लगाने की मांग

कोलकाता। विरोधी दलों ने विधानसभा में बिहार की नीतीश कुमार सरकार के तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। हालांकि वित्त मंत्री अमित मित्रा ने इस मांग पर चुप्पी साध ली है।

मंगलवार को राज्य बजट पर चर्चा के दौरान फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक इमरान अली रम्ज ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह शराब पर प्रतिबंध लगायेंगे। जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने अपने वादे को निभाया और बिहार में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाने से बिहार में अपराध की दर में 53 फीसदी तक की गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र बिहार की सीमा से सटा हुआ है। बंगाल से बिहार में शराब की तस्करी बढ़ गयी है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने कहा कि बिहार की तरह बंगाल में भी शराब पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो वह इसका स्वागत करेंगे। माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि बंगाल में भी शराब पर बैन लगा दिया जाना चाहिए। राज्य के गली-गली में शराब की दुकानें खुल गयी हैं। राज्य सरकार बिहार के मॉडल को स्वीकार करती है या नहीं। यह उस पर निर्भर है, लेकिन जो बिहार कर सकता है. वह बंगाल क्यों नहीं कर सकता है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने बहस में भाग लेते हुए कहा कि बिहार सरकार शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है, तो बंगाल सरकार क्यों नहीं कर सकती है। नीतीश सरकार ने रास्ता दिखाया है। बंगाल के बारे में कहा जाता है कि बंगाल पथ दिखाता है, लेकिन बंगाल में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने शराब पर प्रतिबंध लगा कर दिखा दिया है।