तकनीकी वजूहात से उड़ान मंसूख होने के बाद हज पर गए बिहार के तकरीबन 127 हाजी सउदी अरब में गुजिशता 36 घंटे से ज़्यादा वक़्त से फंसे हुए हैं। इस हाजी काफिला में 54 ख़वातीन और 73 मर्द शामिल हैं। इन लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गयी है कि मदीना के प्रिंस मोहम्मद बिन अब्दुलजीज हवाई अड्डे से गया के लिए उनकी उड़ान असल में कब निकलेगी।
54 साला गुलशन आरा ने मदीना से प्रेट्र से बताया, ‘‘हमें 1 नवंबर को वापसी की उड़ान : उड़ान नंबर एआई-5012 पकड़नी थी लेकिन हमें बताया गया कि किसी तकनीकी वजूहात से उड़ान मंसूख हो गयी। हमारी उड़ान कब निकलेगी इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली है।’’ आरा अपने शौहर 60 साला मोहम्मद जान आलम और दीगर के साथ 21 सितंबर को एयर इंडिया के जहाज से उड़ान नंबर एआई-5913: गया से मदीना गयी थीं। हाजी काफिला में ज़्यादातर जईफ लोग हैं। इनमें से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के 120 और नालंदा के 7 हाजी शामिल हैं। राब्ता किए जाने पर एयर इंडिया के अफसरों ने कहा कि उड़ान का एहतेमाम एयर इंडिया नहीं कर रहा बल्कि एक प्रायवेट एयरलाइंस कर रहा है।
आलम ने मदीना से फोन पर बात करते हुए कहा, ‘‘अब होटल वाले हमसे कमरे खाली करने के लिए कह रहे हैं क्योंकि हमारी बुकिंग की मुद्दत खत्म हो गयी है लेकिन हमने इसका मुखालिफत किया क्योंकि हमें हवाईअड्डे पर अपने ठहरने की जगह को लेकर भरोसा नहीं दिया गया है। चूंकि हमारा सामान हवाईअड्डे पर जा चुका है, हमारे पास अब ज्यादा पैसे नहीं बचे हैं। हममें से कुछ लोगों का तो पैसा पहले ही खत्म हो चुका है।