बिहार को कोल ब्लॉक

पटना 5 जुलाई : मर्क़जी हुकूमत ने बिजली के शोबा में बिहार को बड़ी सौगात दी है। केस-टू बीडिंग के तहत भागलपुर के पीरपैंती, लखीसराय के कजरा और बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए कोल ब्लॉक अलोट कर दिया गया है।

इन तीनों प्रोजेक्टों को मग्रीबी बंगाल के वीरभूम कोल फील्ड के देवचा पचमी कोल ब्लॉक से कोयला मिलेगा। तीनों प्रोजेक्टों के लिए बिहार को 486 मीटरिक टन कोयला मिलेगा। कोल ब्लॉक नहीं मिलने की वजह ही इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू होने में परेशानी हो रही थी। रियासत हुकूमत को सिर्फ जमीन और पानी फराहम कराना है। मुताल्लिक कंपनी को ही पूरी रक़म खर्च करनी होगी।

इसी साल जनवरी में रियासत हुकूमत ने चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए फ्रीकी मुआहेदा किया था। बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी, मर्क़जी हुकूमत और हिमाचल प्रदेश की मुश्तरका कंपनी सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड और बिहार पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के दरमियान हुए करार के तहत इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जायेगा।

कजरा और पीरपैंती प्रोजेक्टों को भी मुश्तरका प्रोजेक्ट के जरिये मुकम्मिल करने की मंसूबा रियासत हुकूमत ने बनायी है। एनएचपीसी से इस बाबत एक -दो दौर की बात भी हो चुकी है। कोयला बहरान की वजह ही कोई कंपनी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही थी। कोल ब्लॉक मिलने के बाद अब इन दोनों प्रोजेक्टों को भी मुश्तरका प्रोजेक्ट के तौर में पूरा करने में सहुलत होगी।

अफसरों ने कहा कि अगर बिजलीघरों की तामीर शुरू होती है, तो ये तीन-चार सालों में पूरी हो जायेंगी। गुजिस्ता चार सालों से इन तीनों प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। तीनों के लिए जमीन एकवायर की जा चुकी है। मर्क़जी पानी कमीशन ने तीनों के लिए पानी की फराहम यकीन कर दी है। मर्क़जी तूअनाई वजारत ने तीनों के लिए कोल लिंकेज देने की भी सिफारिश कोयला वजारत से कर दी थी। कोल लिंकेज नहीं मिलने की वजह ही टेंडर मदउ करने के बाद सिर्फ चौसा में ही कृभको ने दिलचस्पी दिखायी थी। हालांकि, बाद में वह तकनीकी वजह बताते हुए प्रोजेक्ट से से पीछे हट गयी थी।