बिहार को हर साल मिले चार हजार करोड़

पटना : 17 अप्रैल : : नायब वज़ीरेआला सुशील मोदी ने कहा कि मर्कज़ को बिहार के तरक्की के लिए खुसूसी पैकेज के तौर पर हर साल चार हजार करोड़ रुपये देने चाहिए। खुसूसी रियासत का दर्जा हमारा वाजिब मुतालबा है, मर्कज़ को हर हाल में इसे देना होगा। एक तरफ पसमंदगी की तारीफ तब्दील करने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी ओर रियासत को मिलनेवाली मर्कज़ी मदद में मुसलसल कमी की जा रही है। मर्कज़ का यह एम्तियाज़ी रवैया नहीं चलेगा।

योजना आयोग भी मानता है कि बिहार पस्मंदा रियासत है। इसे खुसूसी मर्कज़ी इमदाद देने की जरूरत है। बावजूद मुसलसल कमी की जा रही है। इसका नतीजा बिहार को भुगतना पड़ रहा है। मोदी मंगल को अपने पोलो रोड वकेय रिहाइसगाह पर आवाम के दरबार में रिपोर्टरों से बातचीत कर रहे थे।

रकम की कमी के सबब में लटकीं मनसूबे : उन्होंने कहा कि 10वीं पांचसाला मंसूबा में कौमी विकास योजना के तहत 7,250 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली थी, लेकिन दिये गये 2284.07 करोड़। 11वीं पांचसाला योजना में पस्मंदा इलाके ग्रांट फण्ड से 10482.27 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी थी, लेकिन मिले 6209.43 करोड़। पहले साल की अल्तुवा मंसूबों की लागत 1989.34 करोड़ थी, लेकिन मिले 802.56 करोड़। यानी पुरानी मंसूबों को पूरा करने के लिए 1186.78 करोड़ की जरूरत है। इसी रक़म से गंगा रेल शरीक सड़क पुल की तामीर व बरौनी व मुजफ्फरपुर थर्मल पॉवर प्लांट का तामीर नु होना है। रक़म की कमी में ये सारी मंसूबे देरी से चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि रियासती हुकुमत ने 12वीं पांचसाला मंसूबा के लिए 57,344 करोड़ का तजवीज़ भेजा है। इसमें ऊर्जा के लिए 12255 करोड़, रस्ते के लिए 36508 करोड़, आबपासी के लिए 7622 करोड़ और जंगल के लिए 958 करोड़ का तजवीज़ है। मर्कज़ से जो इशारे मिले हैं, उसके मुताबिक पांचसाला मंसूबा के लिए सिर्फ 12 हजार करोड़ की मंजूरी दी गयी है।