नेपाल और भारत के कई इलाको में गुजिशता सनीचर को आए ज़लज़ले में जख्मी हुए लोगो की दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएमसीएच) में शिनाख्त के लिए उनके माथे पर “भूकंप” लिखा स्टीकर चिपका दिया गया। हालांकि मीडिया में खबर आने पर मचे तनाजे के बाद इन स्टीकर को हटा लिया गया है। ज़लज़ले की वजह से जख्मी हुए लोगों को अलग वार्ड में रखे जाने और उनके माथे पर “भूकंप” लिखा स्टीकर चिपकाए जाने को टीवी चैनलों पर दिखाए जाने पर इस बाबत डीएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट शंकर झा ने गम ज़ाहिर करते हुए कहा कि उन्हें हटा लिया जाएगा।
ज़लज़ले में हुए जख्मी हुये लोगों के माथे पर डीएमसीएच में ‘भूकंप’ लिखा स्टीकर चिपकाए जाने का मामला दरभंगा जिला के इंचार्ज वज़ीर बैधनाथ साहनी के सामने लाए जाने पर उन्होंने बताया कि वे इस बारे में डीएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट से पूछा और उन्हें ‘भूकंप’ लिखे स्टीकरों को फौरन हटाने इस सिलसिले में हुक्म देने वाले के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की हुक्म दिया है। साहनी ने बताया कि वे मौजूदा में दरभंगा जिला के बाहरी इलाके में हैं और शहर में पहुंचकर खुद डीएमसीएच जाकर मामले को देखेंगे।
इधर दरभंगा के जिला अफसर कुमार रवि ने ज़लज़ले में हुए जख्मियों के माथे पर ‘भूकंप’ लिखा, स्टीकर चिपकाए जाने को गलत बताते हुए कहा कि वे उसे फौरन हटाए जाने की हिदायत दिया है। मामले को तूल पकड़ते देख डीएमसीएच इंतेजामिया ने शाम में ज़लज़ले में हुए जख्मी हुये लोगों के माथे पर लगाए गए ‘भूकंप’ लिखे स्टीकर को हटा दिया। गुजिशता सनीचर को आए ज़लज़ले में जख्मी हुए 15 लोगों को इलाज के लिए डीएमसीएच में एड्मिट कराया गया था, जिसमें से छह का अभी इलाज चल रहा है।