बिहार टापर्स घोटाला : बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और उनकी पत्नी की ज़मानत याचिका ख़ारिज

पटना (बिहार): मंगलवार को पटना की एक सिविल कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी पूर्व जद (यू) विधायक उषा सिन्हा की राज्य में हुए टापर्स घोटाले मामले से संबंधित याचिका को ख़ारिज कर दिया |
सिंह और उनकी पत्नी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कल गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में महत्वपूर्ण आरोपी सिंह बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद भूमिगत हो गये थे जिसके बाद सिविल कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था |

सूत्रों के अनुसार घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता उजागर होने के बाद दोनों बिहार छोड़कर वाराणसी चले गये थे|

बिहार बोर्ड परीक्षा अव्वल रहने वाले छात्रों द्वारा अपने विषय से संबंधित कुछ बुनियादी सवालों के जवाब देने में असमर्थ होने के ऊपर हंगामा होने के बाद मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा था कि मामले की अपराधिक जाँच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा |

इससे पहले 4 जून को बीएसईबी ने सौरभ श्रेष्ठ सहित अव्वल रहने वाले दो छात्रों द्वारा , इंटरमीडिएट (विज्ञान) की  दुबारा हुई परीक्षा में अपनी योग्यता साबित करने में असफल रहने पर उनके परिणाम रद्द कर दिय थे |

कला और विज्ञान की बारहवीं कक्षा की परीक्षा में अव्वल आने वाले 13 छात्रों में शामिल सौरभ और उसी के कालेज सहपाठी राहुल की मेरिट पर विवाद होने के कारण बोर्ड ने 3 जून को दोनों की दुबारा परीक्षा ली थी जिसमें साइंस स्ट्रीम से सौरभ श्रेष्ठ, जिन्होंने 500 में से 485 अंक हासिल किये थे बुनियादी सवालों के जवाब देने में नाकाम रहे थे|

इसी कालेज की आर्ट स्ट्रीम की टॉपर रूबी राय ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए शुक्रवार को हुई दुबारा परीक्षा नहीं दी है | राय को आर्ट स्ट्रीम में 500 में से 485 अंक हासिल हुए थे |