बिहार-पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा, औरंगाबाद में जामा मस्जिद के समीप करीब 50 दुकानें जलाई गई

रामनवमी के दूसरे दिन भी बिहार और पश्चिमी बंगाल में कई जगहों पर हिंसा की खबरें सामने आईं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में कुछ जगहों पर उपद्रवियों ने हिंसा फैलाने की कोशिश की। पर हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा बिहार का औरंगाबाद जिला। औरंगाबाद में सोमवार को रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए कथित पथराव के बाद लोग भड़क उठे। आक्रोशित भीड़ ने करीब 50 दुकानों को आग लगा दी। दोनों गुटों की झड़प से भड़की हिंसा के बाद जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने जिले में कर्फ्यू लगा दिया है।

प्रशासन का कहना है कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने बताया, स्थिति  तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस के जवान मौके पर तैनात हैं और हर चीज पर निगाह रखी जा रही है। सीआरपीएफ के जवानों को फ्लैग मार्च करने का निर्देश दिया गया है। पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही वहां कमिश्नर और डीआईजी भी पहुंच चुके हैं।

ओल्ड जीटी रोड के पास जामा मस्जिद के समीप करीब 50 दुकानें जलाई गई हैं। वहीं पत्थरबाजी में 20 पुलिसकर्मी समेत 60 से ज्यादा लोगों के घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि हिंसा तब शुरू हुई जब नवाडीह इलाके में निकाली जा रही रामनवमी की शोभायात्रा पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक दोपहर करीब दो बजे विभिन्न अखाड़ों के लोग शोभायात्रा के लिए जुटने लगे थे। जैसे ही ठाकुरबाड़ी की ओर से शोभायात्रा ने बाजार में प्रवेश किया, तथाकथित रूप से अचानक पथराव शुरू हो गया। इसके बाद दूसरे सिरे पर खड़े लोग भड़क गए और दुकानों को आग लगाने लगे। डीएम और एसपी ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया। करीब चार बजे उपद्रवी शांत हुए।