बिहार फार्बिस‌ गंज फायरिंग 50 मुसलमानों के ख़िलाफ़ वारंट्स

पटना, 12 अप्रेल: दो साल पहले बिहार के अररया ज़िले के फार्बिस‌ गंज में पुलिस फायरिंग का वाक़िया पेश आया था। इस वाक़िये में जुमला चार मुस्लिम बाशिंदे हलाक होगए थे जिन में एक आठ माह का शेर ख़ार और एक सात माह की हामिला ख़ातून भी शामिल थी। अब इस वाक़िये को दो साल गुज़र चुके हैं कि अचानक ही मुक़ामी पुलिस ने तक़रीबा 50 मुसलमानों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी के वारंट्स जारी किए हैं। ये सब गावं वाले हैं।

हैरत की बात तो ये है कि पुलिस ने जिन अफ़राद के ख़िलाफ़ वारंट गिरफ़्तारी जारी किया है इन में छः अफ़राद ऐसे हैं जो इंतिक़ाल करचुके हैं। इस के इलावा मज़ीद हैरत की बात ये है कि छः मुतवफ़्फ़ी अफ़राद में तीन ऐसे भी हैं जो ख़ुद पुलिस की फायरिंग में हलाक हुए हैं। सात माह की हामिला ख़ातून यास्मीन ख़ातून के इलावा 18 साला नौजवान मुख़तार अंसारी और एक 20 साला नौजवान मुस्तफ़ा अंसारी के ख़िलाफ़ पुलिस ने वारंट्स जारी किए हैं जबकि तीनों ही पुलिस फायरिंग ही में हलाक हुए हैं।

पुलिस ने इन नामों की फ़हरिस्त अंग्रेज़ी-ओ-हिन्दी अख़बारात में शाय की है। मज़ीद तीन नाम ऐसे हैं जो इंतिक़ाल करचुके हैं। इस के इलावा 14 अफ़राद के नाम भी शामिल हैं, जिन के रिश्तेदार या तो इस फायरिंग में हलाक हुए थे यह ज़ख़मी हुए हैं। इस के इलावा 23 गवाहों को भी मुल्ज़िमीन की फ़हरिस्त में शामिल कर लिया गया है, जिन्होंने पहले ही एक तहक़ीक़ाती कमीशन के रूबरू बयान दिया था।

कहा गया है कि 3 जून 2011 को फायरिंग के बाद पुलिस ने तीन एफ आई आर दर्ज किए थे। कहा गया था कि तक़रीबा 4000 गावं वालों ने पुलिस पर आतिशीं हथियारों से हमला किया था जिस की वजह से 28 पुलिस अहलकार ज़ख़मी होगए थे। हुक़ूक़े इंसानी कारकुनों की तहकीकात में पुलिस के ये इल्ज़ामात बे बुनियाद साबित हुए थे, लेकिन‌ अब अचानक ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ये इल्ज़ामात दोहराते हुए 50 अफ़राद के ख़िलाफ़ वारंट गिरफ़्तारी जारी करदिया है।