बिहार बना सिमी का ट्रेनिंग सेंटर

दहशतगर्द तंजीम इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) ने स्टूडेंट इसलामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को दहशतगर्दों को ट्रेनिंग देने की जिम्मेवारी सौंपी है। पूरे मुल्क में सिमी के कारकुन दहशतगर्द को लेकर मोटिवेशनल और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दे रहे हैं। पटना सीरियल धमाके की जांच के सिलसिले में एनआइए को अब तक 15 ऐसे ट्रेनिंग सेंटरों की जानकारी मिली है। बिहार में दरभंगा और समस्तीपुर के अलावा झारखंड के रांची और छत्तीसगढ़ के रायपुर में बाकायदा ट्रेनिंग को लेकर सिमी के कारकुनों के आनेजाने के पक्के सबूत मिले हैं।

ट्रेनिंग का मॉड्यूल एक, ट्रेनर बदलते रहते हैं :

आइएम और सिमी की तरफ से दहशतगर्द की मकतब के लिए एक ही ट्रेनिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल तमाम मुकामात पर किया जा रहा है। हालांकि, ट्रेनर बदलते रहते हैं।

एक ट्रेनिंग सेंटर पर ज्यादा दिनों तक एक ट्रेनर नहीं रहता है। रायपुर से गिरफ्तार किये गये बोधगया सीरियल धमाके के मुल्ज़िम और सिमी के मेमार उमेर सिद्दीकी, शेख हबीबुल्लाह, रोशन शेख और हयात खान ने छत्तीसगढ़ पुलिस को दहशतगर्दों के तरबियत को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं। इनके साथ ही सात दीगर सिमी कारकुन शेख अजीजुल्लाह, मोउनुद्दीन कुरैशी, अब्दुल वाहिद, मोहम्मद अजीज, मोहम्मद दाउद, मो असलम और शेख सुभान को गिरफ्त में लेने के बाद सिमी की सरगरमियों की परत-दर-परत खुलती चली गयी है। गिरफ्तार मो उमेर सिद्दीकी बोधगया धमाके का मास्टरमाइंड है। उसका हाथ पटना ब्लास्ट में भी था। उसने पटना धमाके के बाद अहम मुल्ज़िम मो अब्दुल्लाह, नुमान आलम, तौफिक और मुजीबुल्लाह को अपने पास पनाह दी थी। ये तमाम अभी फरार हैं।

सेक्ययूरिटी एजेंसियां अलर्ट

एनआइए ज़राये के मुताबिक, आइएम और सिमी के एकजुट होने के बाद मुल्क भर में सेक्यूरिटी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, मगरीबी बंगाल, असम और उत्तरप्रदेश समेत दीगर अहम रियासतों की पुलिस आइएम और सिमी की सरगरमियों पर निगाह रख रही है। बिहार में एटीएस की तशकील के बाद सेक्यूरिटी एजेंसियों से राब्ता करने को लेकर जांच और तहक़ीक़ात को लेकर कार्रवाई की जा रही है।