पीर को आयी आंधी और बारिश ने रियासत के किसानों की कमर तोड़ दी। इससे गेहूं और दलहन की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। साथ ही आम और लीची को भी काफी नुक्सान हुई है। दारुल हुकूमत पटना में दोपहर एक बजे अचानक अंधेरा छा गया और तेज हवा के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गयी।
तकरीबन 15 मिनट तक हुई बारिश ने मुंसिपल कॉर्पोरेशन के दावों की फिर पोल खोल दी। कई जगहों पर नाली का पानी सड़क पर पसर गया। हद तो यह था कि चिरैयाटांड ओवरब्रिज के दरमियान झील-सा नजारा था। पटना सिटी के मारूफगंज, गुरु गोविंद सिंह पथ, चौक शिकारपुर, मुगलपुरा, लोदी कटरा व अशोक राजपथ के कई जलजमाव हो गया। मशरिकी और मगरीबी चंपारण, गोपालगंज, सारण, सीवान, वैशाली में भी भारी बारिश हुई है।
मगरीबी चंपारण व दरभंगा में बारिश के साथ ओले भी पड़े। इसकी वजह से खेतों में पक रही गेहूं की फसल गिर गयी। जहां गेहूं की फसल को काट कर खलिहान में रखा गया है, वह भींग गया है। आम व लीची के छोटे फल काफी महज़ में गिरे हैं। मुजफ्फरपुर में गेहूं समेत तमाम फसलों में बारिश का पानी लग गया है। मसूर, चना सरसों व राई काट कर कुछ किसानों ने अपने दरवाजे पर तो कुछ किसानों ने खेत में ही रखे थे, उनकी फसल भींग गयी है। इनके दाने खराब होने की इमकान है। जिन खेतों में पानी ज़्यादा है, वहां से जल्दी से जल्दी पानी निकालने की सलाह माहेरीन ने दी है। बेतिया में मसूर को नुक्सान हुई है, लेकिन गन्ना के लिए बारिश को किसान बेहतर बता रहे हैं।
मझौलिया, नौतन, बैरिया, चनपटिया में भारी बारिश हुई है। मधुबनी के झंझारपुर, बेनीपट्टी व मधुबनी में भारी बारिश हुई है। मोतिहारी में गेहूं व लीची समेत फसलों को नुकसान हुआ है। सीतामढ़ी में 75 फीसद गेहूं की फसल गिर गयी। शिवहर में दलहन, गेहूं, आम व लीची को भारी नुक्सान की इत्तिला है। दरभंगा के दरभंगा व बिरौल में आम व लीची के छोटे दाने काफी मिक़दार में गिर गये। गेहूं की फसल खेत में गिर गयी है। जिन किसानों ने फरवरी या देर से मक्का लगाया है, उन्हें इस बारिश से थोड़ा फायदा होगा, लेकिन जिनके मक्का बड़े हो गया हैं, उन्हें नुकसान होगा। आंधी-पानी के दौरान कई मुकामात पर बिजली का तार टूट गया। आंधी शुरू होते ही बिजली की सप्लाय बंद हो गयी। सभी फीडर को एकाएक बंद कर दिया गया।