बिहार में करवट ले रही है राजनीति, एनडीए को लग सकता है झटका!

पटना। किसी ने सच कहा है कि राजनीति में संबंध और संभावना हमेशा बड़े सियासी मायनों को साथ लेकर चलती है। खासकर जब वैचारिक समानता दो लोगों या दलों के बीच कायम हो जाये, तो सियासत में नये गुल खिल सकते हैं।

जी हां, चारा घोटाला मामले में रांची के होटवार जेल में बंद लालू यादव से एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, यानी हम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल की मुलाकात के बाद एक बार फिर बिहार में सियासी चर्चा शुरू हो गयी है।

चर्चा का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि आने वाले दिनों में बिहार में राज्यसभा के साथ-साथ विधान परिषद के लिए चुनाव होने हैं और ऐसे में इस मुलाकात को काफी खास माना जा रहा है।

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कई बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं कि लालू यादव से उनके संबंध बेहतर हैं। इतना ही नहीं बिहार में शराबबंदी के मुद्दे पर जीतन राम मांझी जो सोचते हैं, उसी तरह की सोच राजद नेता भी रखते हैं।

मांझी शराबबंदी के विरोध में कई बार बयान देकर विवादों में घिर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव गाहे-बगाहे शराबबंदी को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।

तेजस्वी ने कई बार कहा है कि बिहार में शराबबंदी बिल्कुल फेल है और प्रशासन द्वारा मिली भगत करके शराब की तस्करी की जा रही है और गरीबों को फंसाया जा रहा है। खैर, यह किसी एक मुद्दे को लेकर दोनों दलों के समान विचार की बात हुई।