बिहार में तंबाकू प्रॉडक्ट की फरोख्त पर पाबंदी

रियासत के फूड सेक्युर्टी कमिश्नर शरीक सेहत सेक्रेटरी आनंद किशोर ने जुमा को वजीरे आला के ऐलान के कुछ घंटों बाद तंबाकू प्रॉडक्ट की फरोख्त पर पाबंदी लगाने का हुक्म जारी कर दिया। जुमा को सेहत महकमा के एडोटोरियम में मुनक्कीद प्रेस कान्फ्रेंस में मिस्टर किशोर ने बताया कि फूड सेक्युर्टी कानून 2006 की दफा-61 के तहत फौरन असर से जर्दा, पान मसाला, सुगंधित सुपारी, सुगंधित तंबाकू या दीगर तंबाकू प्रॉडक्ट (बिना पैकिंग या पैकिंग) के तामीर, स्टोरेज, तक़सीम, खरीद फरोख्त पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का हुक्म जारी कर दिया गया है।

बिहार नौवां रियासत है जहां तंबाकू पर पूरी तरह से पाबंदी लागू किया गया है। एक हुक्म आदेश में साबिक़ से सोटोरेज किए गए पाबंद तंबाकू प्रॉडक्ट को रियासत के बाहर ले जाने के लिए एक हफ्ताह का वक़्त दिया गया है। इस दौरान इन प्रॉडक्ट के ट्रांसपोर्टिंग को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 15 नवंबर के बाद पाबंद तंबाकू प्रॉडक्ट के ट्रांसपोर्टिंग पर भी कार्रवाई होगी।

सिगरेट, बीड़ी और खैनी पर पाबनदी नहीं

किशोर ने कहा कि रियासत में सिगरेट, बीड़ी व खैनी के इस्तेमाल और फरोख्त पर किसी क़िस्म का पाबंदी नहीं लगाया गया है। रियासती हुकूमत पार्ट बाय पार्ट तरीके से रियासत के शहरियों के मुफाद में कार्रवाई कर रही है।

छह माह से ज़िंदगी भर तक जेल की कारावास सजा

उन्होंने कहा कि फूड सेक्युर्टी कानून के तहत पाबंदी प्रॉडक्ट की बिक्री को लेकर छह से सात साल तक की सजा की तजवीज है। इसके साथ ही तीन से पांच लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। अगर पाबंद प्रॉडक्ट की बिक्री से कोई नुकसान नहीं होती है तो कार्रवाई करते हुए छह माह की सजा या तीन लाख रुपए जुर्माना किया जा सकता है। पाबंद प्रॉडक्ट की बिक्री से नुकसान हो गई हो तो छह साल की सजा या पांच लाख जुर्माना व अगर किसी की मौत हो जाती है, तो सात साल की सजा या ज़िंदगी भर जेल की सजा व कम अज़ कम 10 लाख रुपए तक की सजा की तजवीज है। कार्रवाई के लिए फूड सेक्युर्टी अफसर व तंबाकू कंट्रोल कानून के तहत जिलों में तैनात नोडल ओहदेदारों को हक़ होगा।