बिहार में देश का पहला ‘सूफी रिसर्च सेंटर’ बनकर तैयार, सूफिज्म पर होगी PHD की पढ़ाई

देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर सभी धर्मों के सूफियों और संतों के उपदेशों और संदेशों पर शोध और तुलनात्मक अध्ययन के लिए मीतन घाट स्थित खानकाह मुनएमिया में तैयार हो चुका है। संस्थान में सूफिज्म पर स्नातकोत्तर व पीएचडी किए जाने की व्यवस्था होगी।

खानकाह के दक्षिणी भाग में तैयार सूफी रिसर्च सेंटर का भवन सफेद मार्बल व हरे ग्रेनाइट पत्थर से तैयार किया गया है। मेहराब और बनाई गईं कलाकृतियां देश के विभिन्न हिस्सों तथा दूसरे देशों से आए पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।

सेंटर में देश-विदेश से आने वाले विद्यार्थी सूफिज्म पर शोध करेंगे. स्थायी क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के इंजीनियर महेश कुमार ने कहा कि योजना के अनुसार निर्माण कार्य 18 महीने यानी जून 2015 तक पूरा हो जाना था, लेकिन पुराने भवन को तोड़ने व अन्य प्रक्रिया को पूरी करने इतना समय लग गया।

अब भवन तैयार हो चुका है। इससे जुड़े महेश कुमार ने बताया कि राज्यसभा सांसद डॉ. महेंद्र प्रसाद की निधि से 1.30 करोड़ रुपये मिले जिससे सूफी रिसर्च सेंटर का भवन तैयार हुआ है। सांसद कोष की 1.60 करोड़ राशि से ही डोरमेटरी का निर्माण हुआ है।

इसके अलावा पश्चिम में 2.25 करोड़ रुपये से महिला विश्राम गृह बन चुका है। पांच करोड़ रुपये से उत्तर में पुरुष विश्राम गृह का निर्माण होना है. यह दोनों कार्य पर्यटन विभाग करा रहा है। यह अगले वर्ष तैयार हो जाएगा। लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार का काम 70 लाख रुपये से हुआ है।