बिहार रियासती आरजेडी के तर्जुमान एजाज अहमद, सतीश पासवान और चितरंजन ने इल्ज़ाम लगाया है की बीजेपी बिहार में वक़्त से पहले इंतिख़ाब कराने की कोशिश में फिरका वराना तशद्दुद और हादसे को सियासी रंग दे कर बिहार में माहौल को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश कर रही है। इस कोशिश को हवा देने में साबिक़ नायब वजीरे आला सुशील मोदी लगे हुये हैं। इस मुहिम के तहत सुपौल में गांधी मैदान धमाके के मोहलकीन के मुजस्समा का उजरा करके एक मजहब ख़ास के खिलाफ जहर अफ़सानी और फिरका वराना माहौल खराब करने की कोशिश की है। इसी तरह छपरा, गोपाल गंज और किशन गंज समेत तकरीबन आधा दर्जन इजला में फिरका परस्त ताकतों के जरिये इस तरह की कोशिश की जा रही है लेकिन बिहार के बेदाग और अमन पसंद आवाम ने इसे नाकाम करके बीजेपी के मंसूबों को नाकाम बना दिया है। गांधी मैदान हादसा के बाद जिस तरह से महादलित समाज से आने वाले वजीरे आला को बे इज्ज़त करने की कोशिश कुमार मोदी ने कोशिश की थी उनकी हवा उन्हीं के पार्टी के एमपी और क़ौमी नायब सदर सीपी ठाकुर ने सच्चाई बयान करके उजागर कर दिया है की सुशील मोदी जितनी हड़बड़ी में हैं इस से बिहार का भला नहीं हो सकता।
उन लीडरों ने कहा की बिहार के वजीरे आला जीतन राम मांझी की इस बात के लिए सताईश होनी चाहिए के उन्होने अपनी कियादत, सलाहियत और हौसले पर बीजेपी के जरिये बिहार में फैलाई जा रही फिरका परस्ती के सियासत को न सिर्फ लगाम दिया है बल्कि गांधी मैदान हादसा के बाद जांच को पूरी तरह से गैर जनबरदाराना रखने के लिए उन सारे अफसरान को पटना से मुंतकिल करके आवाम को सच्चाई और जांच कमेटी के सामने अपनी बातें और सुबूत रखने का मौका दिया है। बीजेपी अपने रियासती सदर मंगल पांडे से भी पूछे की उन्होने गांधी मैदान में रावण वध के दिन मौजूद रह कर इन सब बातों पर तवज्जो क्यों नहीं दी और अब तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।