बिहार में लड़कियों का पीजी तक दाखिला मुफ्त

रियासत के यूनिवर्सिटी और मुतल्का कालेजों में जेनरल सब्जेक्टो में एससी, एसटी और ख़वातीन को पीजी तक मुफ्त दाखिला होगा। उनसे हर सतह पर दाखिला के वक़्त किसी भी तरह के फीस नहीं लिए जाएंगे। यह मंजूरी मंगल को हुई रियासत काबीना की बैठक में दी गई।

वजीरे आला जीतनराम मांझी ने इस बाबत एलान हुकूमत का रिपोर्ट कार्ड जारी करने के मौके पर नवम्बर में की थी। साथ ही दीगर १७ एजेंडों को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली। इजलास के बाद यह जानकारी कैबिनेट प्रिन्सिपल सेक्रेटरी बी प्रधान ने प्रेस कांफ्रेंस में दी।

प्रधान ने कहा कि तुल्बा को मुफ्त दाखिले की वजह से यूनिवर्सिटी और कालेजों को होने वाली इक़्तेसादी नुकसान की भरपाई उनसे जानकारी लेकर अगले माली साल में करने को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। तुल्बा का फीस माफ करने पर रियसती हुकूमत को कुल 29 करोड़ का माली बोझ मुमकिन है।

मिस्टर प्रधान ने कहा कि इस फैसले के पीछे हुकूमत की सोच लड़कियों को आला तालीम मुहैया कराना है। अदाद व शुमार के हवाले से उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन तक जहां तालिबा (एससी-एसटी और दीगर) की तादाद 4.04 लाख होती है, वहीं पीजी में यह घटकर 10 हजार 857 रह जाती है। रियासती हुकूमत का मकसद इस फासले को कम करना है।

आमदनी दस्तूरुल अमल में तर्मीम

आमदनी सर्विस दस्तूरुल अमल , 2015 को मंजूरी दी गई। इसके तहत रियासत के सर्किल इंस्पेक्टर अब आमदनी ओहदेदार के तौर में जाने जाएंगे। इनकी इम्तिहान बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) लेगा। वहीं जो सीआई पीजी हैं, उनके लिए आमदनी ओहदेदार के लिए 25 रिज़र्वेशन रहेगा। गया जिले में इमामगंज में एक डिवीज़नल पुलिस ओहदेदार और उनके दफ्तर के लिए 15 दीगर ओहदे की मंजूरी दी गई।