बिहार में शराब से जुड़े तमाम जुर्म गैरजमानती

पटना : राज्य में लागू शराबबंदी कानून आनेवाले वक्त में और ज्यादा सख्त होगा. इसके लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने नये उत्पाद विधेयक-2016 में कई स्तरों पर महत्वपूर्ण संशोधन किये हैं. मुतल्लिक प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने जा रही है. इसके बाद इसे 29 जुलाई से शुरू होने जा रहे विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पेश किया जायेगा. विधानमंडल के दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद नया शराबबंदी कानून अधिक सख्ती से पूरे राज्य में लागू हो जायेगा.

नये उत्पाद कानून में कई स्तरों पर विशेष बदलाव किये गये हैं. अब शराब से जुड़ी किसी तरह की गतिविधि को पूरी तरह से अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसके तहत अगर कोई व्यक्ति शराब से जुड़ी किसी तरह की गतिविधि में पकड़ा जाता है, तो वह पूरी तरह से गैरजमानती होगा. अब कोई व्यक्ति किसी दूसरे राज्य या स्थान से शराब पीकर यहां आ जाता है, तब भी उसे उतना ही दोषी माना जायेगा, जितना राज्य में शराब पीये हुए पकड़ा जाता है. इस अपराध को गैरजमानती श्रेणी में शामिल किया गया है.

शराब से जुड़ी किसी तरह की गतिविधि को अपराध से अलग करके नहीं रखा गया है. राज्य में शराब मतलब सीधा अपराध हो जायेगा. शराब की किसी तरह की बरामदगी, उपयोग, ट्रांसपोर्टेशन समेत अन्य किसी तरह के क्रियाकलापों को गैरजमानती अपराध की श्रेणी में रखने का प्रावधान किया गया है. यहां तक कि अगर किसी के घर में शराब रखी भी पकड़ी जाती है, तब भी वह गैरजमानती श्रेणी का अपराध माना जायेगा.

शराब से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन और उत्पाद दारोगा को कई स्तर पर अधिकार बढ़ाने समेत अन्य बातें भी जुड़ी हुई हैं.

पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की गयी थी. इसके लिए बिहार उत्पाद अधिनियम-1915 को संशोधित करके उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2016 लागू किया गया. लेकिन, तीन महीने के दौरान इस नये विधेयक में कई बातों पर फिर से संशोधन करने की जरूरत महसूस की गयी.

हाल में पटना हाइकोर्ट ने घर में शराब पकड़े जाने के दो-तीन मामलों में लोगों को जमानत दे दी थी. इसके मद्देनजर नये उत्पाद कानून में इन बातों को भी संशोधित करके जोड़ दिया गया है. शराबबंदी मतलब पूरी तरह से बंद, किसी व्यक्ति का इससे किसी तरह का कोई सरोकार नहीं होगा, नये संशोधन में इन बातों का ध्यान रखा गया है. इसके बाद फिर से संशोधन किया जा रहा है.