बिहार में सरकारी कामकाज 1 जनवरी से ऑनलाइन

छह माह के अंदर बिहार के सरकारी मुलाज़िमीन और अफसर पूरी तरह ई-लिट्रेट यानी कंप्यूटर युग का हिस्सा हो जाएंगे। एक जनवरी से सरकारी दफ्तरों में फाइलें ऑनलाइन बनेगी। अफसरों और मुलाज़िमीन को छुट्टी की दरख्वास्त भी ऑनलाइन ही देना होगा। आईटी महकमा और बिहार इंतेजामिया सुधार मिशन ने इसके लिए ई-ऑफिस प्रोजेक्ट बनाया है। जिसके लिए एनआईसी से साफ्टवेयर लाइसेंस लिया जा रहा है। साफ्टवेयर का फीश ही 1.5 करोड़ है।

एक जनवरी 2016 को टार्गेट कर इस मंसूबा पर काम शुरू किया गया है। सात जुलाई को पहला ट्रेनिंग प्रोग्राम बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन में रखा गया है। इसके बाद महकमा वाइज़ ट्रेनिंग प्रोग्राम चलता रहेगा। प्रोजेक्ट के रियासत में असर हो जाने पर सरकारी कामकाज में रफ्तार आएगी। फाइलों का इंतजार खत्म हो जाएगा। सबकुछ कंप्यूटर पर ही होगा।

ऑनलाइन फाइलें चलेंगी और मंजूरी भी ऑनलाइन होंगी। हर फ़ाइल का लोकेशन हर वक़्त आला ओहदेदारों की नजर में रहेगा। एनआईसी के पास ऐसा साफ्टवेयर है, जिससे यह काम आसानी से हो सकेगा। वहीं बेल्ट्रान के सर्वर से ब्लॉक सतह तक के दफ्तर जुड़ेंगे। ट्रैंगिन देने के बाद मुतल्लिक़ अफसर मुलाज़िमीन को उसके कंप्यूटर सिस्टम पर यूजरनेम और पासवर्ड दिया जाएगा। बिहार में गुजिशता करीब डेढ़ साल से इस पर काम चल रहा था और अब यह हत्मी श्क़्ल लेने जा रहा है।

एनआईसी को इसी महीने साफ्टवेयर का लाइसेंस फीश दे दिया जाएगा। पूरे छह माह तक ट्रेनिंग चलेगा। एसेम्बली इंतिख़ाब के बाद एक जनवरी से रियासती हेडक्वार्टर से लेकर ब्लॉक सतह तक के पूरे दफ्तरों को ई-ऑफिस सर्विस से जोड़ दिया जाएगा।
डॉ. एस सिद्धार्थ, सेक्रेटरी आईटी महकमा