बिहार में सैलाब

गंगा के पानी की सतह मे मुसलसल अजाफ़ा जारी है। इस वजह से कई नये इलाकों में सैलाब का पानी घुस गया है। गोपालपुर ब्लॉक में अपस्ट्रीम में कटाव की वजह सनीचर को स्पर सात तबाह हो गया। पानी वसायल महकमा ने गोपालपुर के साहिली इलाकों में रेड अलर्ट का ऐलान कर दिया है। बुद्धूचक व बिंदटोली के लोगों को फौरन गांव खाली करने को कहा गया है। स्पर सात वाक़ेय महकमा का कैंप दफ्तर भी खाली कर दिया गया है।

सभी स्परों पर बढ़ा दबाव

स्पर सात के बर्बाद होने से तमाम स्परों पर गंगा के पानी का दबाव बढ़ गया है। गंगा की बहाव अहम तटबंध के काफी नजदीक आ गयी है। पानी वासायल महकमा की तरफ से कटाव को रोकने के लिए फ्लड फाइटिंग का काम कराया जा रहा है। वहीं नाथनगर और सबौर ब्लॉक के दियारा समेत कई गांवों में सैलाब का पानी दाखिल कर गया है। नाथनगर का राघोपुर-विशनपुर बांध भी कई जगह से कट गया है, जिस वजह से बांध के आसपास के गांवों में भी पानी फैल गया है।

इधर, शहर में सीएमएस स्कूल के मैदान में भी पानी जमा हो गया है। नारायणपुर ब्लॉक दफ्तर के पीछे तटबंध से तेज रिसाव शुरू हो गया है। तेज रिसाव की वजह ब्लॉक दफ्तर के नजदीक गड्ढे में पानी जमा हो गया है। अगर यह बांध बर्बाद होता है, तो इससे कटिहार-बरौनी रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन भी मुतासीर हो सकता है। साथ ही साथ क़ौमी हायवे 31 पर वीरबन्ना चौक के पास आने जाने मे मुतासीर हो सकता है। वहीं नरकटिया में चार जगहों पर बांध की हालत खतरनाक हो गयी है।

रामनगर में भी हालत नाजुक बनी हुई है। राघोपुर और गोपालपुर में गंगा पानी की सतह के ज़्यादा से ज़्यादा रिकॉर्ड को पार करने को है। गोपालपुर में गंगा का पानी सतह मौजूदा में 31.90 मीटर है, जो ज़्यादा से ज़्यादा रिकार्ड से महज 95 सेमी कम है। वहीं राघोपुर और नरकटिया में गंगा का पानी की सतह 33.60 है जो कि ज़्यादा से ज़्यादा रिकार्ड 34.34 मीटर से 74 सेमी ही कम है।

कहलगांव में गंगा के पानी की सतह में मुसलसल हो रही अजाफ़ा की वजह बीरबन्ना पंचायत के तौफिल और अठ्ठावन दियारा चारों तरफ से पानी से घिर गया है। बाढ़ के पानी में मिरची की फसल डूब गयी है। नंदगोला बांध टूटने के बाद इलाक़े में पानी दाखिल कर गया है।
अगर यह बांध टूट गया तो दोनों गांव सैलाब मे डूब जायेंगे।

सुल्तानगंज में ब्लॉक के शुमाली किनारे की कई पंचायतें सैलाब से मुतासीर हो चुकी हैं। इससे सैकड़ों एकड़ ज़मीन में लगी फसल डूब गयी है। किसान अपनी फसल बचाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।