पटना: बिहार सरकार अब पुराने नियम में बदलाव कर के नये नियमों के तहत आंगनबाड़ी सहायिका एवं सेविकाओं की नियुक्ति करने का फैसला किया है. बिहार में 23 हजार 41 आंगनबाड़ी केंद्रों में सहायिका व सेविकाओं की नियुक्ति की जाएगी. प्रति आंगनबाड़ी केंद्र एक सहायिका एवं एक सेविका की नियुक्ति होगी. इस प्रकार कुल 46 हजार 82 आंगनबाड़ी सहायिका एवं सेविकाओं की नियुक्ति की जाएगी. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने बिहार सरकार द्वारा नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जल्द ही नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी.
हिंदुस्तान की ख़बरों के अनुसार, भारत सरकार ने बिहार सरकार द्वारा नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार द्वारा लागू नए नियम के अनुसार सहायिका एवं सेविकाओं की नियुक्ति की जाएगी. नए नियम के अनुसार स्थानीय वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी होगी. इसमें पंच एवं क्षेत्रीय महिला पर्यवेक्षिका शामिल होंगी. इनके द्वारा चयनित उम्मीदवार को जिला स्तरीय कमेटी के द्वारा नियुक्त किया जाएगा. जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. नए नियम के तहत इसमें आंगनबाड़ी परियोजना क्षेत्र की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) का हस्तक्षेप नहीं होगा.
सहायिका की नियुक्ति में आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं, सेविका की नियुक्ति के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अति पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक वर्ग सहित), पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक वर्ग सहित) तथा इसके बाद सामान्य वर्ग (अल्पसंख्यक वर्ग सहित) की उम्मीदवार को अवसर दिया जाएगा.
सेविका को तीन हजार रुपये प्रतिमाह एवं सहायिका को 1500 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा. जिलाधिकारी द्वारा नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी होगा व नियुक्ति के लिए आवेदन परियोजना कार्यालय में जमा करना होगा.
आप को बता दें बिहार में पहले से कार्यरत सेविका को 3500 रूपये प्रतिमाह एवं सहायिका को 1750 रूपये प्रतिमाह का वेतन मिलता है.