लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बिहार में जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने की कवायद शुरू की है। जिसके तहत वह राज्य के हर गांव में कमेटी का गठन और पंचायत अध्यक्ष की नियुक्ति करने जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस ने विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को जिला प्रभारी की जिम्मेदारी देने का भी फैसला किया है।
पार्टी भले ही राजद के साथ गठबंधन में चुनाव लड़े लेकिन वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में एक बार फिर से गांव-गांव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है।
गोहिल ने यह भी कहा कि बिहार में हमारे 30 विधायक/विधान परिषद सदस्य हैं। हम इनको जिला प्रभारी बनायेंगे। ये लोग पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों की आवाज सुनेंगे और फिर पार्टी को अवगत करायेंगे।
इससे संगठन मजबूत होने के साथ ही कार्यकर्ताओं की बात भी प्रदेश स्तर के नेतृत्व तक पहुंच सकेगी।
गोहिल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह तय है कि हम महागठबंधन में चुनाव लड़ेगे, लेकिन हमारी कोशिश है कि पूरे राज्य में हमारा संगठन हो। जहां हमारे उम्मीदवार नहीं होंगे, वहां कांग्रेस के कार्यकर्ता सहयोगी दल के उम्मीदवार को जिताने के लिए काम करेंगे।