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बिहार: स्वच्छ अभियान के तहत बिहटा में बनने थे 48 हजार शौचालय, पांच हजार ही बने

बिहटा। स्वच्छता अभियान मिशन बिहटा प्रखंड में एक मजाक बन कर रह गया है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण लक्ष्य के पांच साल के बाद भी लगभग 10 प्रतिशत ही शौचालयों का निर्माण हो सका है। हद तो यह है कि जिन लोगों ने शौचालयों का निर्माण कराया भी, उनमें से करीब आधे लोगों को अभी तक अनुदान नहीं मिल सका है।

हर घर में शौचालय के निर्माण के लिए स्वच्छता अभियान मिशन के माध्यम से अनुदान की शर्त पर सभी घरों में शौचालय निर्माण के वास्ते हर प्रखंड में सरकारी अनुसेवक और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

बताया जाता है कि बिहटा प्रखंड में पांच साल पूर्व 2011 में पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत प्रखंड के 26 पंचायतों में करीब 48 हजार घरों में शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था।

एनजीओ के माध्यम से प्रखंड में करीब 28 सौ शौचालयों का निर्माण कराया गया था, लेकिन गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखने के कारण 2 अक्तूबर, 2014 से लाभार्थियों को शौचालय का निर्माण प्रखंड समन्वयक की देख-रेख में स्वयं कराने की तथा योजना का अनुदान प्रखंड या जिला से सीधा लाभार्थी के खाते में देने की बात कही गयी।

इसके बाद बिहटा में करीब पांच हजार लोगों ने शौचालयों का निर्माण कराया, लेकिन मात्र 24 सौ लोगों का आवेदन प्रखंड समन्वयक द्वारा लिया गया और उन्हें अनुदान का लाभ मिला। शेष आज भी अनुदान की बाट जोह रहे हैं। लोगों का कहना कि जिन लोगों ने घूस दी, उन्हें ही अनुदान मिला है।

दर्जनों लोगों का कहना है कि करीब छह माह पहले शौचालय का निर्माण प्रखंड समन्वयक संजय कुमार के निर्देश पर करवाया था। शौचालय निर्माण के बाद सारी कागजी प्रक्रिया पूर्ण की गयी। लेकिन आज तक अनुदान का भुगतान नहीं हो सका।

बिहटा प्रखंड में शौचालय निर्माण योजना दलालों के हाथ में है। उनके कहे अनुसार काम नहीं करवाते, तो योजना का लाभ नहीं ले सकते। दलाल जैसे-तैसे निर्माण करवा कर लाभार्थी का पैसा निकलवा ले रहे हैं।

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