बिहार : साम्प्रदायिक तनाव के बाद पीरो में कर्फ्यू, 21 गिरफ्तार

आरा : बिहार के भोजपुर जिले के पीरो में साम्प्रदायिक तनाव के बाद 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिला प्रशासन ने शहर के करीब 15 संवेदनशील जगहों पर करीब साढ़े तीन सौ पुलिस जवानों की तैनाती की है और शहर में धारा 144 लगा दिया है। किसी भी अफवाह से बचने के लिए प्रशासन ने शहर में इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से बंद करा दिया है। इस दौरान बाजार बंद है और पीरो-आरा रूट और आरा-सासाराम रूट पर आवागमन भी बंद है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और मोहर्रम के ताजिया जुलूस के दौरान हुई साम्प्रदायिक झड़प में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। गुस्सायी भीड़ ने गुरुवार को भी दर्जनों गाड़ियों को अपना निशाना बनाया।

बुधवार को एक अफवाह फैली कि कुछ लोगों ने कुछ मुस्लिम घरों पर हमला कर दिया है। इससे गुस्साए उस समुदाय के लोगों ने हनुमान मंदिर पर हमला कर दिया। सूत्रों ने बताया कि इस आग को बढ़ाने में सोशल मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई। पीरो की राजनीति भी इस हंगामे की वजह हो सकती है। दबंग नेता सुनील पांडेय पिछले कई सालों से वहां के विधायक रहे हैं लेकिन इस बार उन्हें सीपीआई (एमएल) के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। फिलहाल प्रशासन ने वहां तनाव को देखते हुए अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया है।

स्थानीय नागरिकों के मुताबिक भोजपुर के जिलाधिकारी बीरेन्द्र प्रसाद ने हालात पर नियंत्रण पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीएम बीरेन्द्र प्रसाद ने कहा, “मैं पीरो बाजार में एक मंदिर के पास था। उस वक्त हमारे साथ केवल चार सुरक्षाकर्मी थे। उस वक्त भीड़ ने मंदिर पर हमला किया क्योंकि वे लोग मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते थे। मुझे खुशी है कि उसके बाद हालात नियंत्रित हो गए और कुछ अप्रिय नहीं हुआ।” डीएम ने कहा है कि वे लोग वीडियो फुटेज की जांच कर रहे हैं और दंगे में शामिल लोगों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं। हार्डवेयर की दुकान चलानेवाले राजेन्द्र प्रसाद ने कहा, “दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और ताजिया जुलूस के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से शक्ति पर्दर्शन किया जा रहा था। ऐसे धार्मिक जुलूस में युवाओं के हाथों में हॉकी डंडों का क्या काम था? हालांकि, शांति समिति और प्रशासन ने सूझ-बूझ के साथ हालात पर काबू पा लिया।”