Bihar School Examination Board के तहत चल रही 10वीं क्लास के इम्तेहान में जुमेरात के रोज़ जम कर नकल कराई गई। वैशाली जिले में लोग इम्तेहान हाल की तीसरी-चौथी मंजिल तक की खिड़कियों पर लटक-लटककर नकल करवाने और सवालों के जवाब लिखे पर्चे अंदर बैठे अपने-अपने कैंडिडेंट्स तक फेंकने और पहुंचाने में जुटे रहे।
कई जगह तो टीइचर भी नकल कराते देखे गए। यह महज 10वीं और 12वीं के इम्तेहान का ही आलम नहीं, बल्कि हर बड़े इम्तेहान का हाल है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रियासत के एजूकेशन मिनिस्टर डीपी शाही ने भी इसे रोकने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
इस साल 10वीं के इम्तेहान में तकरीबन 14 लाख स्टूडेंट्स शामिल हैं। इस हफ्ते मंगल के रोज़ से शुरू हुई इस इम्तेहान के लिए पूरे रियासत में 80,000 इम्तेहान के मराकज़ नाए गए हैं।
रियासत के एजुकेशन मिनिस्टर डीपी शाही ने कहा कि यह सब रोकना मेरे वश में नहीं है। जब एक तालिब ए इल्म को नकल कराने में 5-5 लोग जुटे हों, तो इसे रोकना अकेले रियासत की हुकूमत के वश में नहीं है। जब तक स्टूडेंट्स और उनके वालिदैन मदद नहीं करते, तब तक रियासत में नकल से आज़ाद इम्तेहान कराना नामुम्किन है।
शाही ने यह भी कहा कि साफ सुथरे इम्तेहान मुनाकिद करवाना रियासत की हुकूमत के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। गौरतलब है कि इससे पहले रियासत की हुकूमत की तरफ से नकल रोकने के लिए की गई कुछ कोशिशों के दौरान इंतेज़ामिया को स्टूडेंट्स और वालिदैन के की तरफ से मुखालिफत का सामना करना पड़ा था।
परीक्षा से जुड़े ओहदेदारो ने जुमेरात को कहा कि पिछले तीन दिनों में 1,000 से ज्यादा स्टूदेंट्स को नकल करते पकड़ा गया है। इनमें से 600 को इम्तेहान देने से नाअहल ऐलान किया जा चुका है। ये सब मैथ, अंग्रेजी और एक दूसरे सब्जेक्ट के इम्तेहान में नकल कर रहे थे।