बिहार पुलिस के असलाह खाना से 1186 कारतूस गायब होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस इंतेजामिया का कोई अफसर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। साल 2008 से 2011 के दरमियान बिहार आर्म्स पुलिस- 13, दरभंगा से 9 एमएम के 1186 कारतूस गायब हो गये।
खुफिया ज़राये के मुताबिक इसी दौरान दरभंगा में छह माह तक इंडियन मुजाहिदीन का बानी यासीन भटकल भी दरभंगा में ही मौजूद था। दरभंगा में पहले भी दहशत गर्दों को पनाह मिलने की इत्तिला पर क़ौमी सेक्युरिटी एजेंसी एनआइए की तरफ से दहशत गर्दों की तलाश की जाती रही है।
बहादुरपुर थाने में एफआइआर
कारतूस गायब होने की तसदीक़ होते ही बीएमपी-13 के सीनियर अफसर की तरफ से दरभंगा के बहादुरपुर थाने में पांच लोगों को नामजद बनाते हुए एफआइआर दर्ज करायी गयी है। जून, 2013 में दर्ज करायी गयी एफआइआर में बीएमपी-13 में पहले मुकर्रर रहे अहलकारों को नामजद किया गया है। इनमें एक हवलदार की कैंसर से मौत हो चुकी है, तो दीगर रिटायर्ड हो चुके हैं।
बदले में रखा दूसरा कारतूस
गायब कारतूसों की छानबीन की जाने लगी, तो रेकॉर्ड में 9 एमएम के कारतूसों की जगह 7.62 व .38 के कारतूसों की तादाद बढ़ गयी। दरअसल, 9 एमएम के कारतूसों को गायब किया जाता रहा और उसकी जगह पर दूसरी गोलियों को रखा जाता रहा। पुलिस इस सिम्त में भी तहक़ीक़ कर रही है।