रामकृपाल यादव की उम्मीदवारी को लेकर लालू की पार्टी में चल रहे बवाल में नया मोड़ आ गया है। लालू ने रामकृपाल की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है। लालू ने कहा कि रेस के दरमियान में घोड़ा नहीं बदला जाता। रामकृपाल यादव को जो कहना है पार्टी में आकर कर कहें। मालूम हो कि कल रामकृपाल यादव ने लालू की बेटी मीसा भारती की पेशकश कुबूल कर ली थी। वो पाटलिपुत्र से इंतिख़ाब लडऩे को तैयार हैं। रामकृपाल चाहते थे कि इसकी ऐलान खुद लालू प्रसाद करें। जुमा को सुबह मीसा की तरफ से रामकृपाल को मनाने से शुरू हुआ सियासी खेल देर शाम रामकृपाल के इस बयान से नया मोड ले लिया था। लेकिन सनीचर को लालू के बयान से इस तनाजे में नया मोड़ आ गया।
जुमा को चला ड्रामा
इसके पहले नाराज रामकृपाल यादव को मनाने मीसा भारती दिल्ली गई। घंटों उनके घर पर डटी रही। मीसा की आंखें डबडबायी, लेकिन रामकृपाल की नाराजगी कम नहीं हुई। रामकृपाल ने लालू प्रसाद से तीन सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर लालू अवामी तौर से यह कुबूल कर लें कि उन्होंने खानदान के दबाव में मीसा को टिकट दिया है तो वे कुर्बान करने को तैयार हैं। इस दरमियान, दिल्ली में उनके भाजपा लीडरों से मिलने की भी खबर आई।
बताया गया कि सबकुछ तकरीबन फाइनल है। उधर, जदयू ने भी दिनभर उनका मन टटोला। फिलहाल रामकृपाल दो राहे पर खड़े हैं। भाजपा-जदयू को लेकर वे अपनी सियासत तय नहीं कर पाए हैं। सनीचर को फैसला हो सकता है। अलबत्ता लालू प्रसाद खुद दिनभर डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे।
कहा जा रहा है कि लालू के टिकट बांटे जाने के पहले ही रामकृपाल को यह अहसास हो चुका था कि उन्हें बेटिकट किया जा चुका है। लिहाजा उन्होंने लालू से किनारा कर लिया। उनकी जगह लालू ने अपनी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र से टिकट दिया है। इस वजह से रामकृपाल गुरुवार की रात ही दिल्ली निकल गए। जब यह जानकारी मीसा को हुई तो वह भी दिल्ली पहुंच गई। वहां हाई वोल्टेज ड्रामा चला। रामकृपाल घर पर मौजूद थे, लेकिन वे बगैर मीसा से मिले ही घर से निकल गए।
दुखी हूं, लालूजी को पता है
दुखी हूं। लालूजी को भी यह पता है। क्या करूंगा यह अभी तय नहीं किया है। अपने लोगों से बात करके ही फैसला लेंगे। फिलहाल किसी से बात नहीं, न ही कोई राब्ता ।
रामकृपाल यादव