युवा, महिला, समृद्ध, और बड़े शहरों में रहने वाली : यह प्रोफाइल है सैंकड़ो चीनियों का जिन्होंने योग की और मुख मोड़ा है, यह कहना है चीन की पहली आधिकारिक चीनी अनुसंधान रिपोर्ट या ‘ब्लू बुक’ का जिसने चीन में बढ़ती योगा की मांग पर एक अनुसन्धान किया है ।
अध्ययन में पहली बार योगा की बढ़ती मांग और देश के कोनो मे पहुँचने की उसकी क्षमता पर फोकस किया गया है । देश के दक्षिणी ग्वांगडोंग से दूर उत्तरपूर्व तक 10800 से अधिक योग स्कूल खुल गए हैं, जिनमे सैंकड़ो की संख्या मे लोग योग सिखने आ रहे हैं और वे ज़्यादातर युवा महिलाये हैं।
अगले सप्ताह प्रकाशित होने वाली “चीन योग उद्योग विकास रिपोर्ट”, जिसमे आधिकारिक चीनी एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज (सीएएसएस) सहित शीर्ष थिंक-टैंकों और विश्वविद्यालयों के विद्वानों के एक समूह ने काम किया है, उसके अनुसार चीन में कम से कम 10,800 योग स्कूल हैं, जिनमे से कुछ हज़ारों अभ्यासियों को योग सीखा रहे हैं ।सीएएसएस, एक आधिकारिक थिंक टैंक है जो आधिकारिक रिपोर्टों या “ब्लू बुक” को प्रकाशित करता है, जिन्हें अधिकृत स्वीकृत अध्ययन के रूप में देखा जाता है।
अध्ययन में चीन के पूर्वोत्तर में एक उत्सुक विसंगति मिली है। जिलिन, हेयलोंगजियांग और लिओनिंग, सबसे धनी क्षेत्रो के बीच न होने के बावजूद योग के लिए एक आश्चर्यजनक हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं। सीएएसएस में वरिष्ठ शोधकर्ता झांग योंगजियान ने कहा, “यह बहुत आश्चर्य की बात है, अनुमान लगाया जा सकता है कि पूर्वोत्तर में युवा महिलाओं के बीच योगा का विकास व्यापक रूप से फैली हुई राष्ट्रीय अवधारणा से संबंधित हो सकता है “स्वास्थ्य और सौंदर्य के प्रति जागरूकता योग के विकास का कारण हो सकता है “।
अध्ययन की एक अन्य प्रमुख खोज यह है कि, जनसंख्या की दृष्टि से इसमें ज़्यादातर 25-40 वर्ष की महिलाये हैं और यह चीन और भारत के बीच मे बहुत बड़ा अंतर है क्यूंकि भारत में इस आयु वर्ग में महिलाओ के साथ पुरुष भी शामिल हैं जो योग अभ्यास करते हैं।
दूसरा अंतर यह है की चीन में योगा की ओर रुख सौंदर्य और स्वास्थ्य कारणों से किया जा रहा है, वहीँ भारत मे लोग योग की ओर रुख आध्यात्मिक कारणों से कर रहे हैं।
अध्ययन के अनुसार तीसरा अंतर है, चीन मे उभरती ऑनलाइन योगा इंडस्ट्री जहाँ चीनी अध्यापक अब ऑनलाइन योगा सीखा रहे हैं और बाजार मे कई योगा स्मार्टफोन ऍप्लिकेशन्स भी आ गए हैं।