बीजेपी का पीडीपी से जुड़ना मुश्किल

जम्मू-कश्मीर में हुकूमत बनाने को लेकर सस्पेंस पांचवें दिन भी बरकरार है. हुकूमत बनाने के सवाल पर पीडीपी ने साफ़ कर दिया है कि वो अपने कोर अजेंडे से कोई समझौता नहीं करेगी. पीडीपी ने कहा है कि बीजेपी समेत कोई भी पार्टी उससे हाथ मिलाना चाहती है तो उसे कुछ मुद्दों पर पहले उसे यकीन दहानी करना होगा. इन मुद्दों में जम्मू-कश्मीर को खुसूसी दर्जा देने वाली एक्ट 370 से कोई छेड़छाड़ ना करना और आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को हटाना शामिल है. साथ ही पीडीपी कश्मीर मुद्दे के हल के लिए सियासी अमल जल्दी शुरू होते देखना चाहती है.

पीडीपी ने शर्तों का अंबार लगा कर इशारा दे दिया है कि बीजेपी के साथ उसकी पटरी बैठना मुश्किल है. दरअसल पीडीपी ने जिस तरह की शर्तें रखी हैं, उन्हें मानने के लिए बीजेपी के तैयार होने के इम्कान नहीं के बराबर है. रिपोर्ट ऐसी भी हैं कि पीडीपी के ही कुछ एमएलए ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर सख्त ऐतराज़ जताया है.

जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एन एन वोहरा ने पीडीपी और बीजेपी को अलग अलग खत भेजकर 1 जनवरी तक जवाब मांगा है. दोनों पार्टियों से हुकूमत बनाने को लेकर अपना-अपना ख़ाक़ा देने के लिए कहा गया है.

सियासी गलियारों में ऐसी भी चर्चा है कि पीडीपी के साथ बीजेपी का समझौता नहीं हुआ तो बीजेपी 1 जनवरी तक गवर्नर को अपनी हिमायत वाले 30 एमएलए की फहरिस्त सौंप देगी. पार्टी ये दलील दे सकती है कि उसके पास पीडीपी से दो एमएलए ज़्यादा हैं, इसलिए उसे हुकूमत बनाने के लिए पहले दावत मिलना चाहिए.

पीडीपी के तरजुमान नईम अख्तर ने हफ्ते के रोज़ यहां कि पार्टी के लिए सभी आप्शन खुले हैं. किसी और पार्टी के साथ हुकूमत बनाने के मुद्दे पर पीडीपी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. नईम अख्तर के मुताबिक पार्टी कियादत बीजेपी से इत्तेहाद समेत सरकार बनाने के सभी आप्शन पर गौर कर रहा है. ये पूछे जाने पर कि क्या पीडीपी बारी बारी से सीएम बनाने की मांग पर रज़ामंदी जताएगी, पीडीपी तर्ज़ुमान ने कहा कि किसी भी पार्टी के साथ बातचीत इस बिंदु पर नहीं पहुंची है. पीडीपी के अन्य मुद्दों में नईम अख्तर ने रियासत के लिए खुदमुख्तारी और बाढ़ से मुतास्सिर के लिए खुसूसी पैकेज को गिनाया.

पीडीपी तरजुमान ने कहा कि कांग्रेस की ओर से भी पीडीपी को हुकूमत बनाने के लिए पेशकश मिला है. और इख्तेयारात के साथ पार्टी इस पेशकश पर भी गौर कर रही है. इलेक्शन में 28 सीट जीतने वाली पीडीपी के पास एक आप्शन ये भी है कि कांग्रेस के 12 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 एमएलए के साथ मिलकर सरकार बनाए. ज़राये के मुताबिक पीडीपी बैकचैनल से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों के राबिते में है. उधर, कांग्रेस सदर सोनिया गांधी ने मुफ्ती मोहम्मद सईद को फोन पर जीत की मुबारकबादी देकर बीजेपी की मुश्किल और बढ़ा दी है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के पीडीपी को बिना शर्त ताईद की बाबत पूछे जाने पर पीडीपी तरजुमान ने कहा कि उनकी पार्टी को ऐसा कोई पेशकश नहीं मिली है. ऐसी पेशकश मिलेगी तो ज़रूर पार्टी उस पर गौर करेगी. लेकिन पार्टी अपने हिसाब से ही मुस्तकबिल की हिकमत अमली तैयार करेगी.

इसी सियासी रस्साकशी के बीच बीजेपी जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने फिर दोहराया कि रियासत में हुकूमत की तश्कील में पार्टी ज़रूर अपना किरदार निभाएगी. राम माधव ने कहा कि बातचीत जारी है, देखिए क्या नतीजा निकलता है.

इस बीच सुबकदोश सीएम उमर अब्दुल्ला हफ्ते के रोज़ लंदन के लिए रवाना हो गए. लंदन में उनके वालिद फारुक अब्दुल्ला का हाल में ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. उमर अब्दुल्ला के नये साल से पहले मुल्क लौटने के इम्कान नहीं है.