देवेंद्र फडनवीस को महाराष्ट्र में पार्टी अराकीन का लीडर मुंतखिब कर बीजेपी ने अकेले हुकूमत बनाने की सिम्त में कदम बढ़ा दिए हैं। ताईद के बारे में शिवसेना के आगे बढ़-बढ़कर बयान देने के बाद भी बीजेपी ने उसे अभी तक तवज्जो नहीं दिया है। ज़राये का कहना है कि बीजेपी कियादत चाहती है कि शिवसेना के सदर उद्धव ठाकरे पहले दिए गए अपने तीखे बयानों के लिए वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी और पार्टी सदर अमित शाह से माफी मांगें।
एक मरकज़ी वज़ीर ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘बीजेपी-शिवसेना का इत्तेहाद तो तय है। बस वक्त की बात है, लेकिन हमें उन्हें वज़ीर ए आज़म और अमित शाह के ऊपर की गई बयानबाजी को लेकर नाराजगी का अहसास कराना चाहते हैं। उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी।’
इंतेखाबी तश्हीर के दौरान उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के स्टार तशीरकारो को अफजल खान की औलाद के बराबर बताया था। तुलजापुर में एक रैली से खिताब करते हुए उद्धव ने कहा था, ‘वे क्या चाहते हैं? पहले मोदी आए और अब उनकी पूरी कैबिनेट महाराष्ट्र में तश्हीर करने आ गई। वे अफजल खान की औलाद की तरह हैं और रियासत को फतह करना चाहती हैं।’
इसके अलावा इंतेखाबी तश्हीर थमने के अगले दिन शिवसेना अखबार ‘सामना’ में छपे मजमून से भी बीजेपी कियादत मजरूह है। इसमें लिखा गया था, ‘लोकसभा में जीत के बाद बीजेपी ने शिवसेना को नजरंदाज कर दिया। अगर शिवसेना ने बीजेपी स्टाइल में ही लोकसभा इंतेखाबात से पहले दांव मारा होता तो मोदी के बाप दामोदरदास भी बीजेपी को मुकम्मल अक्सरियत नहीं दिला पाते।’
ज़राये का कहना है कि बीजेपी ने शिवसेना तक पैगाम पहुंचा दिया है कि वह आवामी या ज़ाती र से माफीनामा चाहती है। इसके साथ ही पार्टी यह भी चाहती है कि वह महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार को बिना शर्त ताईद करने का ऐलान करे। देवेंद्र फडनवीस 31 अक्टूबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वज़ीर ए आला के ओहदा की हलफ लेने वाले हैं। पार्टी के एक लीडर ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि शिवसेना से तब तक इत्तेहाद किया जाए।
बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी जे पी नड्डा ने कहा शिवसेना के साथ इत्तेहाद को लेकर बातचीत जारी है। बीजेपी के ज़राये का मानना है कि एनसीपी के बाहर के हिमायत से सरकार चलाने के बजाय शिवसेना के साथ इत्तेहाद तवील वक्तो में पार्टी के लिए फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा एनसीपी के साथ जाने से पार्टी की शबिया को भी नुकसान पहुंचेगा।
फडनवीस खुद ने भी इंतेखाबी तश्हीर के दौरान एनसीपी के दागी वुजराओं के खिलाफ मुहिम चालाया था। इसके साथ ही बीजेपी इस बार शरद पवार के गढ़ माने जाने वाले मगरिब महाराष्ट्र में सेंध लगाने में कामयाब रही है। ऐसे में एनसीपी को लेकर नरम रुख उस इलाके में पार्टी कारकुनो के जोश को ठंडा कर सकता है।