बीजेपी की हार को साक्षी महाराज, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयान से छोड़कर देखना चाहिए!

2019 आम चुनाव नजदीक हैं। सियासी गुणाभाग शुरू हो चुका है। खेमे बदलने और अपने के दूर होने का संकेत अब और साफ दिखने लगा है। अपनों की नाराजगी भी जगजाहिर होने लगी है। 2019 चुनाव में इस बार एनडीए-यूपीए या यूं कहें कि भाजपा-कांग्रेस का मुकाबला जबरदस्त नजर आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अग्निपरीक्षा से गुजरेंगे। इस बीच बयानों की बयार बता रही है कि 2019 का सियासी मौसम बदल रहा है। पीएम मोदी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और उनके अपने ही दूर होते जा रहे हैं।

2019 मुकाबले से पहले ही भाजपा और नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन करने वाले कुछ चेहरे अपनी नाखुशी जताने लगे हैं। पहला संकेत दिया है योग गुरु बाबा रामदेव ने।

बाबा रामदेव ने इशारा किया कि वह किसी भी दल का समर्थन नहीं करने जा रहे हैं। बाबा रामदेव ने देश की मौजूदा राजनीतिक हालात को काफी कठिन बताया। मदुरै में बाबा रामदेव ने कहा कि वे नहीं बता सकते हैं कि कौन देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं सर्वदलीय भी हूं और निर्दलीय भी।

रामदेव का बयान बताता है कि मौजूदा सरकार से वह ज्यादा खुश नहीं हैं। ये इस बात का भी संकेत है कि 2019 में वह भाजपा और मोदी का उस अंदाज में समर्थन नहीं करने जा रहे हैं जिस तरह से 2014 के दौरान किया था। कई बार वह इशारों-इशारों में मोदी सरकार के प्रति नाखुशी भी जता चुके हैं। नोटबंदी जैसे कुछ फैसलों की उन्होंने आलोचना भी की थी।

मोदी के एक और समर्थक ने मौजूदा सरकार और भाजपा को लेकर कुछ इसी तरह का बयान दिया है। यह हैं सामाजिक कार्यकर्ता जफर सरेशवाला। उन्होंने अपने बयानों से काफी कुछ साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की जमीन खिसक रही है।

नरेंद्र मोदी के हाथ से चीजें निकल रही हैं। भाजपा 15 फीसदी मुसलमानों की उपेक्षा कर रही है, जिससे उसे नुकसान होगा। सरेशवाला ने कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं गिरिराज सिंह, साक्षी महाराज के बयानों से पार्टी को नुकसान हुआ है।

सरेशवाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबे वक्त से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनका यह बयान काफी मायने रखता है। सरेशवाला का रुख बताता है कि 2019 में भाजपा के सामने कैसी मुश्किलें आने वाली हैं। अपने भी अब दूर होते जा रहे हैं। भाजपा के लिए ये दौर मुश्किलों भरा है।

साभार- ‘अमर उजाला’