बीजेपी को क्यों बार- बार चेतावनी दे रहा है RSS?

बीजेपी को RSS लगातार चेतावनी दे रहा है। आर.एस.एस. ने भाजपा नेतृत्व को सावधान किया है कि ऐसा प्रभाव न बनाए कि वह उदारवादी विचारों के प्रति घमंडी और असहनशील है।

यद्यपि आर.एस.एस. ने खुद समाज में कुछ उदारवादी गतिविधियों को नामंजूर किया है मगर उसे इस बात को लेकर चिंता है कि यह प्रभाव जोर पकड़ रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा आलोचना होने पर मीडिया का भी गला घोंट रही है।

आर.एस.एस. नेताओं को एमरजैंसी के दौरान बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था और महसूस किया था कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बढऩे दिया जाए।

आर.एस.एस. इस बात को लेकर बहुत निराश है कि कॉमेडियन श्याम रंगीला के स्टार टी.वी. नैटवर्क पर चल रहे एक एपिसोड को हटवा दिया गया और जे.एन.यू. के वयोवृद्ध प्रोफैसर डा. कमल मित्रा को इसलिए नोटिस जारी किया गया क्योंकि उन्होंने टी.वी. चैनल चर्चा पर मामलों में अपने तीखे विचार रखे थे।

आर.एस.एस. नेतृत्व यह भी महसूस करता है कि यह प्रभाव बढ़ रहा है कि भाजपा नेता घमंडी हो रहे हैं जो कि अच्छा नहीं। इसमें सुधार करने का एक ही रास्ता है कि मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को लोगों से मिलना-जुलना चाहिए।

चुनाव जीतना ही एकमात्र उपलब्धि नहीं क्योंकि भाजपा को हिमाचल और गुजरात दोनों राज्य में चुनाव जीतने होंगे लेकिन लोगों की भावनाओं के प्रति भाजपा नेतृत्व को संवेदनशील होना चाहिए। आर.एस.एस. ने जी.एस.टी. पर सरकार के हाल ही के फैसलों की सराहना की।