जनता परिवार ने कई दौर की बातचीत के बाद पीर को ऐलान कर दी कि बिहार में कुछ महीने बाद होने वाले एसेम्बली इंतिख़ाब की अगुआई नीतीश कुमार करेंगे और दुश्मन से दोस्त बने लालू प्रसाद उनका साथ देंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बिहार की इक्तिदार से दूर रखना ‘परिवार’ का अहम टार्गेट होगा। बातचीत में समाजवादी पार्टी (सपा) सरबराह मुलायम सिंह यादव ने निभाई। मुलायम ने नई दिल्ली वाकेय अपने रिहाइशगाह पर यह ऐलान की। इस दौरान सपा सरबराह के रिहाइशगाह पर मौजूद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सरबराह लालू प्रसाद ने एलान की कि उनके अहले खाना में कोई भी वजीरे आला ओहदे का उम्मीदवार बनने के लिए ख़्वाहिश नहीं है।
लालू प्रसाद ने मीडिया से कहा, “यह वक़्त की जरूरत है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोकने के लिए हम सबको मुत्तहिद होना होगा।”
रियासत के साबिक़ वजीरे आला ने कहा, “मैं सेकुलर ताकतों को यह यकीन दिलाता हूं कि इस लड़ाई के लिए हम सभी क़िस्म के कुर्बानी करने के लिए तैयार हैं। मैं जहर पी लूंगा, लेकिन फिरका परस्त ताकतों को हराकर रहूंगा।”
मुलायम ने कहा, “मैं लालू प्रसाद को खुसुसि तौर से मुबारकबाद दूंगा कि उन्होंने वजीर आला ओहदे के उम्मीदवार के लिए नीतीश का नाम सुझाया।”इस दौरान जनता दल (युनाइटेड) के सदर शरद यादव मौजूद रहे। वहीं पटना में नीतीश कुमार ने भी राष्ट्रीय जनता दल के साथ जद (यू) के इत्तिहाद की तसदीक़ की। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस भी इस इत्तिहाद का हिस्सा बनेगी। उन्होंने कहा, “राजद और लालू प्रसाद के साथ इत्तिहाद को लेकर कोई एख्तिलाफ़ या तनाज़ा नहीं है। जद (यू) और राजद कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर इंतिख़ाब लड़ेंगे।”
नीतीश कुमार ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर नई दिल्ली में इतवार को कांग्रेस नायब सदर राहुल गांधी के साथ हुई बैठक काफी पॉज़िटिव रही थी। दूसरी तरफ, भाजपा और उसके साथी दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने राजद-जद (यू) इत्तिहाद को कम अहमियत देने की रस्म निभाई। भाजपा लीडर राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी का मजबूत बुनियाद बना हुआ है और उसे नीतीश कुमार और लालू यादव की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, “एक ऐसे इत्तिहाद की ऐलान की गई है जो मुत्तहिद नहीं है, यह इत्तिहाद हार के लिए बना है।”
वहीं एक दीगर भाजपा लीडर रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा इंतिख़ाब के दौरान राजद और जद (यू) इत्तिहाद की फजीहत को याद करते हुए कहा, “उन्होंने हताशा में हाथ मिलाया है, वे सबक सीख जाएंगे।” राजग में ‘सेक्युलर’ लोजपा सदर राम विलास पासवान ने कहा कि यह इत्तिहाद टूटने के लिए ही हुआ है। साल 2014 में लोकसभा इंतिख़ाब से पहले लालू यादव का साथ छोड़कर भाजपा का हाथ थामने वाले पासवान ने कहा, “किसी को मुलायम सिंह से पूछना चाहिए कि वह किस पार्टी की कियादत करते हैं? वजीरे आला उम्मीदवार की एलान करने वाले वह होते कौन हैं? क्या यह एक नाटक है?”
मुमकिना सितंबर और अक्टूबर में होने वाले इंतिख़ाब पर पासवान ने कहा कि भाजपा-लोजपा का मिलकर बिहार इंतिख़ाब में भारी जीत दर्ज करेंगी। पीर को हुई एलान से पहले तक अटकलें लगाई जा रही थीं कि बिहार में जनता परिवार के वजीरे आला ओहदे के तौर में नीतीश कुमार का नाम पेश करने का लालू मुखालिफत करेंगे। लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी नीतीश के हिमायत में खुलकर आईं, जिसके बाद मुलायम सिंह लालू को इस इत्तिहाद पर राजी करने में कामयाब रहे। सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर लालू प्रसाद ने कहा, “जो भी तनाज़ा होगा हम उन्हें सुलझा लेंगे।” बिहार एसेम्बली की वेबसाइट के मुताबिक, मौजूदा एसेम्बली में जेडीयू के पास 110 सीटें हैं। वहीं भाजपा के पास 86 और राजद के पास 24 सीटें हैं।