बीजेपी को वोट देने का सीधा मतलब हेमंत करकरे की शहादत का मजाक उड़ाना- स्वामी अग्निवेश

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट भोपाल के सियासी समर में अब दो संतों के बीच टकराव नजर आने लगा है. भोपाल पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने साध्वी को संत मानने से इनकार कर दिया है. स्वामी अग्निवेश ने कहा कि जिस पर आतंकवाद के गंभीर आरोप है उसे संत नहीं माना जा सकता. स्वामी अग्निवेश ने खुलकर कहा कि वह दिग्विजय सिंह के समर्थन में प्रचार करेंगे. वहीं बीजेपी और मोदी सरकार पर भी स्वामी अग्निवेश ने करारे हमले किए.

भोपाल में स्वामी अग्निवेश ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने उम्मीदवार बनाया जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि उनके ऊपर संगीन अपराध दर्ज हैं. साध्वी प्रज्ञा ने उम्मीदवारी घोषित होते ही पहला बयान हमारे देश के महान शहीद हेमंत करकरे के बारे में दिया जो आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए. अगर साध्वी प्रज्ञा में श्राप देकर मारने की शक्ति थी तो मसूद अजहर को श्राप के थी तो वह भस्म हो जाता.

उन्होंने कहा कि 3 प्रतिज्ञाएं करने के बाद ही संन्यास की दीक्षा दी जाती थी. साध्वी प्रज्ञा सच्ची संन्यासी तब होती जब उनके मन से क्रोध का प्रभाव हट जाता. प्रज्ञा के सारे बयानों को पढ़ने के बाद मुझे बहुत कष्ट हुआ और यह मेरा कर्तव्य महसूस हुआ कि मुझे भोपाल जाकर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) जी के समर्थन में अपनी बात कहनी चाहिए. उन्होंने साफ किया कि वो भोपाल दिग्विजय सिंह जी के समर्थन में आए हैं और वो यह बात कहना चाहते हैं कि पूरे देश में अगर कोई भी व्यक्ति बीजेपी को वोट देता है तो उसका सीधा मतलब है कि वह हेमंत करकरे की शहादत का मजाक उड़ा रहा है.

स्वामी अग्निवेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का आचरण और नीतियां इस देश की गरीबों, किसानों, मजदूरों के खिलाफ हैं, आम नागरिकों के खिलाफ हैं जो देशभक्त हैं उनके खिलाफ हैं. जो राष्ट्रभक्त है और बीजेपी कार्यकर्ताओं से राष्ट्रभक्ति में किसी भी मामले में कम नहीं है पीएम के लिए थे उनके भी खिलाफ है. किसानों को लेकर जो वादे किए गए थे, स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं. मजदूरों के लिए जो वादे किए थे वह भी लागू नहीं किया गया. प्रकाश के मुद्दों पर प्रधानमंत्री चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं इसलिए छोटे बालों के ऊपर चुनाव लड़ रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि हिंदू आतंकवाद मुस्लिम आतंकवाद जैसी पहचानें ठीक नहीं है. अग्निवेश ने कहा कि मालेगांव में 28 सितंबर ‌2008 की रात को धमाका हुआ, एक निजी चैनल ने पहले ही ब्रेकिंग न्यूज चलानी शुरू कर दी थी, मैंने जमाली गांव की घटना को देखा तभी मेरा माथा ठनका और उसी में लिप्त हैं साध्वी प्रज्ञा . इस तरह के गंभीर मामले में उनका नाम शुमार है और उनको स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिलना ठीक है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप उठ कर चुनाव के मैदान में कूद जाए और प्रचार शुरू करते हैं.