बीजेपी नाअहल- जसवंत सिंह

बीजेपी से निकाले गये लीडर जसवंत सिंह ने पार्टी पर ‘चुनिंदा नेताओं’ की पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बीजेपी हुकूमत करने के लायक भी है, क्योंकि इसमें ‘इज्तेमाई लीडरशिप की कमी है।’

अटल बिहार वाजपेयी की एडीए हुकूमत में वज़ीरे खारिजा रह चुके जसवंत सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी में अब कोई इज्तेमाई लीडरशिप नहीं है। उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि आज की तारीख में बीजेपी में मुल्क पर हुकूमत करने का दम है। सिंह बाड़मेर से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी में मुट्ठीभर लोग सभी अहम फैसले ले रहे हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि सीनियर लीडर दरकिनार किए जा रहे हैं।

राजस्थान के बाड़मेर से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर इन्तेख़ाबात में उतरने का फैसला लेने के कारण बीजेपी ने 26 मार्च को सिंह (76) को पार्टी से निकाल दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें वाजपेयी के ज़माने की याद सिर्फ जज्बाती वज्हों से नहीं, बल्कि इस तथ्य की वज्ह से आ रही है कि तब फैसले कुछ मुट्ठी भर लोग नहीं लेते थे।