फिर्कापरस्त होने के तमगे को उतार फेंकने की कोशिश कर रही भाजपा ने जम्मू कश्मीर में इक्तेदार में आने की खातिर अपने मिशन 44 प्लस के तहत विधानसभा इंतेखाबात में तकरीबन 40 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा असेम्बली की 87 सीटों में 70 से ज़्यादासीटों पर इलेक्शन लड रही है और उसने 32 मुस्लिम उम्मीदवारों को खडा किया है। कश्मीर वादी में भगवा पार्टी ने 25 मुस्लिमों को टिकट दिया है। जम्मू में पार्टी ने छह और लददाख में एक मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है।
वादी कश्मीरमें भाजपा ने चार कश्मीरी पंडितों और एक सिख लीडर को भी उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने लद्दाख इलाके में तीन बौद्धों को भी टिकट दिए हैं। जम्मू कश्मीर के भाजपा के इंचार्ज और एमपी अविनाश राय खन्ना ने बताया कि भाजपा वादी में अछूत नहीं है।
हमारी रैलियों में वादी में लोग ब़डी तादाद में शामिल हुए हैं क्योंकि वे भाजपा को नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के मुतबादिल की शक्ल में देख रहे हैं जो कश्मीर पर राज करने वाले दो अहम खानदान हैं। भाजपा मई में हुए लोकसभा के आम इंतेखाबात में मिली कामयाबी में कुछ सुधार की उम्मीद लगा रही है जब उसने रियासत में छह में से तीन सीटें जीती थीं।
बाकी तीन सीटें पीडीपी के खाते में गयीं जबकि नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस इत्तेहाद का सफाया हो गया। भाजपा मुल्क के वाहिद मुस्लिम अक्सरियत रियासत को खुसूसी दर्जा देने वाले आईन के आर्टिकल 370 को खत्म करने जैसे मुतनाज़ा मुद्दों के बजाय अमन और तरक्की पर ध्यान मरकूज़ कर रही है।
आर्टिकल 370 इंतेखाबी बहस से बाहर
पार्टी ने अनुच्छेद 370 के मुददे को एक प्रकार से चुनावी खांचे से बाहर ही रखा है और कहा है कि वह सिर्फ वही करेगी जो रियासत की आवाम चाहती है। भाजपा का 2014 की रियासती विधानसभा इंतेखाबात में एक ही इंतेखाबी नारा है और वह है जम्मू कश्मीर को हुक्मरान खानदानो और बदउनवानो से आज़ादी दिलाना है। साथ ही भाजपा बेहतर निज़ाम और तरक्की का वादा कर रही है।