बीजेपी को केवल बड़े धन्नासेठों की ही परवाह, जिनके फायदे के लिये पेट्रोलियम पदार्थों में लगातार इज़ाफा कर रही: मायावती

नई दिल्ली: पेट्रोल व डीज़ल आदि जैसी जनहित की ज़रूरी चीज़ों की क़ीमतों में लगातार भारी वृद्धि करते रहने के बाद अब घरेलू व कमर्शियल दोनों ही गैस सिलेण्डरों के मूल्य में जबर्दस्ती बढ़ोत्तरी करके देश की आमजनता पर महँगाई का नया बोझ डालने के लिये बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना करते हुये बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ऐसा करके बीजेपी अपनी देशभक्ति व राष्ट्रवाद आदि का नया नमूना पेश कर रही है, जिससे देश के ग़रीबों का आमजनहित बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

घरेलू सिलेण्डर की क़ीमत 35 व कमर्शियल गैस की कीमत 43 रुपये कल बढ़ाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार के इस घोर जनविरोधी फैसले से ग़रीबों को घरेलू गैस अब 828 रुपये के आस-पास मिलेगा जबकि जनता पहले से ही गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि की विकट समस्या से जूझ रही है। लेकिन इन ग़रीबों को उचित राहत देने के बजाय बीजेपी सरकार को केवल बड़े-बड़े धन्नासेठों की ही परवाह है, जिनके फायदे के लिये ही पेट्रोलियम पदार्थों आदि में लगातार इजाफा किया जा रहा है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की भाजपा महिला विधायक मनीषा अनुरागी के मन्दिर प्रवेश पर उसे फिर गंगाजल से धुलवाने की घटना के साथ-साथ मंझनपुर में दलित महिला अफसर को पीने के लिए पानी नहीं देने आदि की इन्सानियत-विरोधी घटना की तीव्र निन्दा करते हुये उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकारों में इस प्रकार की जातिवादी व अमानवीय घटनाओं के साथ-साथ दलितों व पिछड़ों में जन्में उनके महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के प्रति असम्मान एवं इनकी प्रतिमाओं को खण्डित व अपमानित करने आदि की घटनायें काफी ज्यादा बढ़ी हैं। इसके बावजूद भी बीजेपी सरकारों का रवैया इन मामलों में काफी ज्यादा उदासीन व ऐसे आपराधिक व असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने का ही रहा है, जो अति निन्दनीय है।

बीजेपी सरकारों की जातिवादी सोच व मानसिकता तथा ऐसे जातिवादी तत्वों के प्रश्रय देते रहने के कारण ही ऐसी घृणित, गै़र-इन्सानी घटनायें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं, जो बीजेपी की कथनी और करनी में विषमता को बेनकाब करता है और यह सब लोग अच्छी तरह से समझ रहे है।

इसके साथ ही, असम में 40 लाख से अधिक गरीब व अनपढ़ मुस्लिम व ग़ैर-मुस्लिम धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता समाप्त करके उन्हें देशविहीन बनाने पर बीजेपी व इनकी सरकार के शीर्ष नेतृत्व द्वारा गर्व का अनुभव व्यक्त करने के उनकी सस्ती सोच व संकीर्ण मानसिकता बताते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश की सवासौ करोड़ ग़रीब, मज़दूर, मज़लूम, किसान व बेरोजगार आदि विरोधी सरकार साबित होने के कारण ही बीजेपी द्वारा इस प्रकार की ध्यान बांटने वाली कार्रवाई की जा रही है ताकि चुनाव के समय लोग अपना सब दुःख-दर्द भूलकर इनकी देशभक्ति की भूल-भूलैया में भटक जायें। वैसे भी प्रमाण-पत्र नहीं होने पर विवाह अवैध तथा गरीब व अनपढ़ लोगों के पास अगर कोई संतोषजनक सरकारी दस्तावेज नहीं है, तो नागरिकता ही समाप्त, बीजेपी की ऐसी सोच घातक है तथा यह सरकारी निरंकुशता ही कहलायेगी।

हालांकि इस सम्बन्ध में अच्छी बात यह है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने कल इस मामले की सुनवाई करते हुये आगे से नागरिकता सम्बन्धी सही प्रक्रिया अपनाये जाने के निर्देंश दिये हैं जिससे बीजेपी सरकार की निरंकुशता व बाकी बचे सभी 40 लाख मुस्लिम व हिन्दुओं को समय से पहले ही ‘‘घुसपैठिया‘‘ घोषित करने की प्रवृति पर थोड़ी पाबन्दी अवश्य लगेगी और अगर इसे ईमानदारीपूर्वक लागू किया गया, तो मामला काफी हद तक सुलझ भी सकता है।