गायन की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले बाबुल सुप्रियो के एक गाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सुप्रियो ने बीजेपी के पक्ष में प्रचार के लिए एक वीडियो निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना जारी किया था, जिसके खिलाफ पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शिकायत की है। टीएमसी की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने बीजेपी सांसद सुप्रियो को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
आयोग ने पश्चिम बंगाल में बुधवार को हुई बीजेपी की दो रैलियों में भी बजाने की अनुमति नहीं दी थी। आयोग ने इसके लिए अनुमति नहीं मिल जाने तक इसे कहीं भी बजाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में यह बगैर अनुमति के धड़ल्ले से बजाया जा रहा है, जिसके बाद टीएमसी ने एक बार फिर आयोग से शिकायत की। इसके बाद सुप्रियो के इस विवादास्पद गीत को वापस लेने का फैसला किया गया है।
West Bengal Chief Electoral Officer: Election Commission has said BJP MP Babul Supriyo's song against which TMC had objected won't be allowed to play. The song was being used by BJP in various parts of Bengal without permission. The song will have to be withdrawn. (File pic) pic.twitter.com/DU4ShgA0gx
— ANI (@ANI) April 6, 2019
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने शनिवार को बताया कि टीएमसी ने बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो के जिस गीत के खिलाफ शिकायत दी है, निर्वाचन आयोग ने उसे बजाने की अनुमति नहीं दी है। पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में बीजेपी इसका इस्तेमाल अनुमति के बगैर कर रही है। इस गीत को वापस लिया जाएगा।
इस बीच, निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में कई शीर्ष अधिकारियों का तबादला भी कर दिया है। बीजेपी ने इनके खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। आयोग ने जिन अधिकारियों का तबादला किया है, वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले आयोग के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा, जब पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और अलीपुरद्वार क्षेत्र में भी वोट डाले जाएंगे।