बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी से दिया इस्तीफा, बोली- ‘दलित और मुस्लिम विरोधी है’

भारतीय जनता पार्टी सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा देश को मनुस्मृति से चलाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है।इसके साथ ही सावित्री बाई ने भाजपा पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

बता दें कि बीते दिन ही बहराइच से सासंद सावित्रीबाई फुले भाजपा के खिलाफ आए दिन बयान देती रही हैं। वहीं देश भर में चल रहे हनुमान जी की जाति के विवाद में कूदते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के दावे का समर्थन किया था।

सांसद ने कहा था कि हनुमान जी दलित थे। हालांकि उन्होंने योगी के बयान से बढ़कर बोलते हुए कहा कि हनुमान जी मनुवादियों के गुलाम थे। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था।

सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है।

उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे।

सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।

साभार- ‘पत्रिका’