नई दिल्ली : जाकिर नाईक की खबरो से मीडिया मे घमासान मचा है। मालूम हो कि जाकिर नाईक पर इल्ज़ाम लगाए जा रहे है कि यह आतकंवाद का हिमायत है। जबकि कई मुस्लिम और हिंदू जाकिर नाईक के हिमायत मे खड़े है और उनका कहना है कि जाकिर नाइक कभी भी आतंकवाद का हिमायत नही रहा।
पिछले सप्ताह मुम्बई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने अपने खुलासे मे कहा था कि उन्होने 2008 मे मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जाकिर नाइक से संबंधित एक रिपोर्ट दी थी लेकिन सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नही की। सत्यपाल सिंह ने यह खुलासा कांग्रेस द्वार भाजपा पर लगाए गए 45000 हजार का टेलीकॉम घोटाला आरोप के बाद किया।
जैसे ही कांग्रेस ने बीजेपी द्वारा किया गया इतना बड़ा घोटाला जो कि मनरेगा के बजट से भी बड़ा है को जनता के सामने उजागर किया जाकिर नाइक को मुद्दा बनाकर मीडिया मे घूमाया जाने लगा। मीडिया द्वारा उठाया गया जाकिर नाइक का मुद्दा कही बीजेपी की चाल तो नही कि मीडिया मे इस मुद्दे को उठाकर अपनी काली करतूत पर पर्दा डाल रही हो?
कांग्रेस ने टेलीकॉम घोटाले मे कहा कि सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रो को लाभ पहुंचाने के लिए नियमो की अनदेखी की है। लेकिन अब जब घोटाला जनता के सामने आ गया तो अब सरकार उसकी लीपा पोती करने का प्रयास कर रही है। ऐसा लगता है कि सरकार और मीडिया मिलकर दोनो ही जाकिर नाइक का मुद्दा उठा कर 45000 हजार करोड़ के घोटाले को छुपाने तो नही चाह रही है?