बीज घोटाला: IAS खेमका को क्लीन चिट

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दाल के बीज की खरीद में नियम तोड़ने के मामले में आईएएस अशोक खेमका को जांच में विजिलेंस ब्यूरो ने क्लीन चिट दे दी है। राज्य के सतर्कता ब्यूरो ने ढाई साल की जांच के बाद खेमका को यह राहत दी है। हरियाणा के चीफ सेक्रटरी डीसी धेशी ने अधिकारी को शुक्रवार को सूचना दी कि उन पर खरीद घोटाले के आरोप गलत साबित हुए हैं। हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक रहने के दौरान खेमका पर खरीद में अनियमितता के आरोप लगे थे। इस मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सितंबर 2013 में जांच के आदेश दिए थे।अप्रैल, 2013 में पानीपत के जगबीर सिंह ने खेमका के खिलाफ सरकार से शिकायत की थी। सूत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता को टेंडर फॉर्म नहीं दिए गए थे और सस्ते बीजों की खरीद का ऑर्डर दिया गया था। आरोप था कि इन बीजों की गुणवत्ता कम थी। आरोप था कि खेमका के नेतृत्व वाले विभाग ने बीजों की खरीद के लिए नैशनल कॉपरेटिव कंजयूमर्स फेडरेशन और नैशनल ऐग्रीकच्लर कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन को सप्लाइ ऑर्डर नहीं दिया गया। हरियाणा बीज विकास निगम ने इन दोनों संस्थाओं की बजाय एक प्राइवेट फर्म को 8100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बीजों की सप्लाइ का आदेश दिया था।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बीजों की खरीद का ऑर्डर देने के लिए खेमका के विभाग ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया। हालांकि खेमका ने सफाई देते हुए कहा था कि निजी फर्म से बीज खरीदकर उन्होंने 30 लाख रुपये की बचत की थी। उनका कहना था कि उन्होंने 8,400 रुपये प्रति क्विंटल की बजाय 8100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बीज की खरीद की।अपने जवाब में खेमका ने कहा था कि यह शिकायत उन्हें परेशान उद्देश्य के शिकायत से दर्ज कराई गई है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा बीज विकास निगम की ओर से खरीदे गए बीजों को 50 हजार किसानों में वितरित किया गया था और उनकी ओर से बीजों की कोई शिकायत नहीं की गई।