बीदर में नक़ली डाक्टरों की भरमार,अवाम की जानों से खिलवाड़

जालसाज़ी और धोका बाज़ी आम होती जा रही है। इलम के अहम शोबा में जालसाज़ी बड़े पैमाने पर जारी है। डॉक्टर और तिब्ब जैसा अहम और हस्सास तरीन शोबा भी धोका बाज़ों के दस्तरस से बाहर नहीं है।

तालीम का माहौल आम होता जा रहा है और इलम कम होता जा रहा है। तालीम का शौक़ हर किसी को है यही वजह है कि जब किसी जाहिल को आलम कह कर पुकारा जाता है तो वो ख़ुशी से फूले नहीं जाता चंद लोगों में ये ये ख़ामख़याली पाई जाती है कि ख़ाहिश से इलम में ख़िदमात की वजह से तजुर्बा रखने वाला एमबी बी एस डॉक्टर की तरह इंजेक्शन देने लग जाये।

मगर बीदर में ये मुम्किन है। ज़िला भर में मुन्नाभाई एमबी बी एस डॉक्टर की तरह इंजेक्शन देने लग जाये। मगर बीदर में ये मुम्किन है। ज़िला भर में मुन्नाभाई एमबी बी एस के हीरो संजय दत्त की तरह बगै़र किसी डिग्री के 3 हज़ार से ज़ाइद जाली एमबी बी एस डॉक्टर चला रहे हैं इस बात की इत्तेला ज़िला हेल्थ ऑफीसर डॉक्टर मदना वाजीनाथ ने ख़ुद बताई है और उस की तसदीक़ भी की है।

अगर ये बात छोटी मोटी बीमारीयों के ईलाज-ओ-मुआलिजा की हद तक होती तो मुश्किल बर्दाश्त किया जा सकता था मगर हक़ीक़त ये नहीं है मुन्नाभाई एमबी बी ऐस जैसे डाक्टर सिर्फ़ छोटे मोटे अमराज़ की तशख़ीस नहीं कररहे हैं बल्कि ज़िला के करियों में बगै़र किसी ज़रूरी वसाइल के ऑप्रेशन तक कररहे हैं। हैल्थ ऑफीसर ने हैरतअंगेज़ ख़बर का इन्किशाफ़ करते हुए कहा कि ये जाली डाक्टर ऑप्रेशन तक कररहे हैं।

बगै़र किसी हिचकिचाहट के नक़ली डाक्टर अवाम की जानों से खिलवाड़ कररहे हैं। तजुर्बा निगारों का कहना है कि करियों में मौज़ूं तिब्बी ख़िदमात ना होने के सबब झूला छाप डाक्टरों की भरमार है इलावा अज़ीं कम लें और निहायत कम रक़म के
इव्ज़ ईलाज करवाने को तर्जीह देते हैं।ये इत्तेला भी हैके कम रक़म पर देही अवाम का ईलाज-ओ-मुआलिजा करने के सबब ये लोगों में बहुत ज़्यादा मक़बूलियत भी हासिल करचुके हैं लोग उन को पसंद करते हैं और उन से ही ईलाज करवाते हैं।