बीफ परोसे जाने के शक में, बस्ती पर हमला, तोड़फोड़ और आगजनी

झारखंड में एक बार फिर बीफ परोसने के शक को लेकर भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ को जिस घर में बीफ परोसे जाने को लेकर सूचना मिली थी, वे उस परिवार के मुखिया की जान लेने पर उतारू हो गए। आक्रोश में भीड़ ने इलाके में हमला बोल दिया। गांव वालों ने इस दौरान कुछ घरों और धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसके बाद से इलाके में तनाव का मौहाल है। जानकारी होने पर पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।

यह मामला डोमचांच के नावाडीह गांव का है। मंगलवार (17 अप्रैल) सुबह यहां अल्पसंख्यक समुदाय के दर्जी जुम्मन मियां को भीड़ ने जमकर पीटा। ग्रामीणों ने इसी के साथ कुछ लोगों के घरों, धार्मिक स्थलों और उनके वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। यह पूरा हंगामा इसलिए कटा, क्योंकि भीड़ को शक था कि सोमवार (16 अप्रैल) रात जुम्मन के बेटे के रिसेप्शन में मेहमानों को बीफ परोसा गया।

उधर, जुम्मन का कहना है कि मीन्यू में सिर्फ मछली और मुर्गे का मांस था। पिटाई के दौरान उन्हें चोटें आई हैं। फिलहाल वह रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मंगलवार सुबह कुछ लोगों ने जुम्मन के घर के पीछे मैदान में कुछ खुर और हड्डियां देखी थीं। दावा किया गया कि ये सब उसी के बेटे के रिसेप्शन की पार्टी में बची हुई जूठन ही थी।

गांव वाले यही बात जानने पर भड़क गए और वे जुम्मन के घर जा पहुंचे। यहां उन्होंने जुम्मन के घर में रखी खाने की सामग्री फेंकी। गोवंश की हत्या और फिर उसका मांस परोसने को लेकर हुए हंगामे के दौरान भीड़ ने करीब 21 वाहनों और जुम्मन समेत 16 घरों को नुकसान पहुंचाया।

हंगामे के फौरन बाद मौके पर किसी शख्स ने 100 नंबर पर फोन कर दिया था। जानकारी मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। घटना के दौरान पुलिस भी जुम्मन को बचाने में नाकाम रही थी। बीच-बचाव के दौरान इंस्पेक्टर कुमार नाम के पुलिस वाले को भी चोटें लगी हैं। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। घटना के बाद मौके से ईंटों-गुम्मों के टुकड़े पाए गए। ऐसे में स्पष्ट है कि घटना के दौरान पत्थरबाजी भी हुई थी।