नई दिल्ली: देश में बीफ की सियासत को एक बार फिर से हवा दी गई है। इस बार बड़े लेवल के प्रशासनिक अधिकारी और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बीफ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और अगर यहां के लोग बीफ खाना पसंद करते हैं या खाना चहाते हैं को उन्हें खाने देना चाहिए। अमिताभ कांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का थिंक टैंक भी कहा जाता है। अब ऐसे में उनकी तरफ से दिया गया यह बयान राजनीतिक मंच पर काफी बड़ा है।
अमिताभ कांत ने कहा, लोग जो कुछ कहना चाहते हैं उन्हें बोलने देना चाहिए। लोग जो कुछ खाना चाहते हैं उन्हें खाने दें। इसके बाद जब उन्हें सामने से सवाल किया गया कि क्या बीफ खाने की भी आजादी होनी चाहिए? उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल! चुनाव की आजादी होनी चाहिए। मैं ये सब तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं, मैं केरल कैडर से आता हूं। मेरे एक पड़ोसी नायर थे, मेरे दूसरे पड़ोसी एक ब्राह्मण थे और वे सब बीफ खाते थे।’
अमिताभ कांत केरल कैडर के आईएएस अफसर हैं और वो सरकार की कई बड़ी योजनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें से एक अतुल्य भारत भी है। इसके अलावा वे हाल ही में लॉन्च स्टार्टअप इंडिया से भी जुड़े हुए हैं, जो भारत में नए उद्योगों और उद्यमियों को बढ़ावा देने की योजना है। अमिताभ औद्योगिक संवर्धन और नीति विभाग के सचिव हैं।
अमिताभ ने बताया कि केरल में वे सब बीफ खाते हुए ही बड़े हुए हैं। उन्होंने आमिर खान के बयान पर मचे बवाल पर भी बात करते हुए कहा, ‘अतुल्य भारत के ब्रांड अम्बेस्डर के अलावा हर किसी को कुछ भी कहने का हक है।’ आमिर खान के उस विवादास्पद बयान पर हाल ही में अमिताभ कांत ने कहा था कि उनके उस बयान से अतुल्य भारत ब्रांड को नुकसान पहुंचा, जिस समय आमिर ने वो बयान दिया उस समय वे ब्रांड अम्बेस्डर थे.