नई दिल्ली, ०३ अक्तूबर (पी टी आई) मर्कज़ी वज़ीर कोयला ( केंद्रीय कोयला मंत्री) सिरी प्रकाश जयसवाल ने एक हिन्दी मुशायरा के दौरान तंज़-ओ-मज़ाह के तौर पर बरजस्ता कहा था कि एक वक़्त गुज़रने के बाद बीवीयां भी अपनी कशिश खो बैठती हैं, जिस पर एक तूफ़ान खड़ा हो गया है
और ख़ातून तनज़ीमों ( संस्थाओ) ने उन के बरजस्ता रिमार्कस को जिन्सी इम्तियाज़ और इहानत ( अपमान) क़रार देते हुए उस की मुज़म्मत ( निंदा) की है। ताहम ( यद्वपि) जयसवाल ने कहा कि ख़वातीन ( महिलाओं) के जज़बात मजरूह ( ठेस पहुँचाना/ ज़ख्मी) करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने इन रिमार्कस पर माज़रत ख़्वाही ( क्षमा याचना करना) भी की है ।
इन्होंने एक हिन्दी मुशायरा के दौरान तंज़-ओ-मज़ाह के तौर पर बरजस्ता कहा था कि एक वक़्त गुज़रने के बाद बीवीयां भी अपनी कशिश खो बैठती हैं। जिस पर एक तूफ़ान खड़ा हो गया है और ख़ातून तनज़ीमों ने उन के बरजस्ता रिमार्कस को जिन्सी इम्तियाज़ और इहानत क़रार देते हुए उस की मुज़म्मत की है। मिस्टर जयसवाल ने कानपूर में कल रात मुनाक़िदा मुशायरा में किए गए अपने रेमार्क पर जारी तनाज़ा के दरमियान वसाहत की कि ख़वातीन के जज़बात मजरूह करने का कोई इरादा नहीं था। उन्हों ने इन रिमार्कस पर माज़रत ख़्वाही भी की है ।
मिस्टर जयसवाल असल अपोज़ीशन जमात बी जे पी की तन्क़ीद ( समीक्षा) का निशाना बनाने जिस ने काबीना ( मंत्रीमंडल) में इन की बरक़रारी पर सवाल उठाई है। कानपूर में एहितजाजियों ने जिन में ख्वातीन भी शामिल थीं मिस्टर जयसवाल आग के पुतले निद्र आतिश किए और पोस्टर पर उन के चेहरा पर स्याही पोत दी गई ।
बयान किया जाता है कि कवी सम्मेलन (मुशायरा) जारी ही था कि आई सी सी वर्ल्ड टवन्टी 20 के कोलंबो में खेले गए एक मैच में हिंदूस्तान के हाथों पाकिस्तान को शिकस्त की इत्तिला मौसूल ( प्राप्त) हुई थी जिस पर तब्सिरा करते हुए मिस्टर जयसवाल ने कहा था कि क़दीम फ़तह की तरह वक़्त गुज़रने के बाद बीवीयां भी अपनी कशिश खो बैठती हैं।
हिंदूस्तान की फ़तह पुर सामीन के पुरजोश-ओ-ख़ुरोश को देखते हुए मिस्टर जयसवाल ने ये भी कहा था कि नई फ़तह और नई शादी दोनों की अहमियत हुई है। बढ़ते वक़्त के साथ फ़तह की कशिश घटती है। गुज़रते वक़्त के साथ बीवी भी बूढ़ी हो जाती है और कशिश बाक़ी नहीं रहती।
कांग्रेस ने ख़ुद को इस तनाज़ा ( विवाद) से दूर रखा है। इसके तर्जुमान मनीष तिवारी ने कहा कि चूँकि वो (जयसवाल) पहले ही वज़ाहत बयान / माज़रत ख़्वाही कर चुके हैं।